दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Meerut Expressway) के दूसरे और चौथे चरण का काम पूरा होने के बाद इसे यातायात के लिए खोल दिया गया है. अब लोग दिल्ली से मेरठ सिर्फ 45 मिनट में पहुंच सकेंगे. इससे पहले ढाई से तीन घंटे लगते थे. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने गुरुवार को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का काम पूरा होने पर जनता के लिए खोले जाने की घोषणा की. आपको बता दें कि इस एक्सप्रेसवे पर कार को 100 किमी प्रति घंटे और मालवाहक वाहनों को 80 किमी प्रतिघंटे अधिकतम की स्पीड से चलने की परमिशन होगी.
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे खुल जाने के बाद अब मुख्य मार्गों पर जाम और प्रदूषण की समस्या खत्म होगी. कुल 8,346 करोड़ की लागत से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा हुआ है. इस परियोजना के तहत कुल 82 किमी लंबे मार्ग का काम किया गया है, जिसमें एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 60 किलोमीटर और राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई 22 किलोमीटर है. इस परियोजना का पहला और तीसरा चरण पूरा हो चुका था, अब दूसरा और चौथ चरण पूरा होने के बाद इसे यातायात के लिए खोला गया है.
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे परियोजना के निर्माण में कुल 24 छोटे और बड़े पुल और 10 फ्लाईओवर पुल का निर्माण किया गया है. यह मार्ग शहरी क्षेत्र में होने के कारण रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. 4500 से अधिक लाइट लगाई गई हैं. सुरक्षा के लिए कैमरे की व्यवस्था की गई है. इस एक्सप्रेसवे को स्मार्ट एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित किया जा रहा है. दिल्ली से मेरठ जाते समय सराय काले खां, अक्षरधाम मंदिर, इंदिरापुरम, डासना, भोजपुर, मेरठ स्थानों पर प्रवेश द्वार है.
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