कर्मचारी चयन आयोग हर साल CGL यानी कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल परीक्षा कराता है जिसके जरिए विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में बी और सी ग्रेड के पदों पर भर्ती की जाती है. SSC CGL परीक्षा के तहत ही CBIC यानी केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड और CBDT यानी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) में टैक्स असिस्टेंट के पदों पर भर्तियां की जाती है. टैक्स असिस्टेंट के बाद सीनियर टैक्स असिस्टेंट और उसके ऊपर इंस्पेक्टर आता है. दोनों ही विभागों में टैक्स असिस्टेंट के पदों पर चयन तो एक परीक्षा और मानक के तहत होता है और दोनों का काम भी एक ही होता है लेकिन इन दोनों विभागों में प्रमोशन के नियम अलग-अलग हैं, जिसके कारण यहां काम कर रहे लोगों के बीच भेदभाव की भावना उतपन्न हो गई है. दरअसल साल 2015 में CBIC ने सीनियर टैक्स असिस्टेंट पद का नाम बदलकर एक्जीक्यूटिव असिस्टेंट कर दिया, जिस तक पहुंचने के लिए कर्मचारी को 10 साल का कार्यकाल पूरा करना होगा. वहीं, दूसरी और CBDT में 3 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद ही सीनियर टैक्स असिस्टेंट के पद पर पहले की तरह ही प्रमोशन हो रहा है. इतना ही नहीं CBDT में सीनियर टैक्स असिस्टेंट बनने के बाद आपको 2 साल बाद इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोट कर दिया जाता है, लेकिन CBIC में 10 साल में एक प्रमोशन हो रहा है.
CBIC में काम कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि पहले दोनों ही विभागों में प्रमोशन के नियम एक ही थे लेकिन CBIC ने प्रमोशन के नियम में बदलाव कर भेदभाव पैदा कर दिया है. यह यही खत्म नहीं होता है CBIC ने 2016 में इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोशन के लिए कार्यकाल की अवधी को बढ़ाकर 2 साल से 5 साल कर दिया. यानी कि CBIC में काम कर रहे एक टैक्स असिस्टेंट को 15 साल में 2 प्रमोशन मिल रहे हैं और CBDT में काम कर रहे टैक्स असिस्टेंट को 5 साल में 2 प्रमोशन मिल रहे हैं.''
CBIC के कर्मचारी कहते हैं, ''DOPT के नियमों के मुताबिक अगर कोई टैक्स असिस्टेंट पहले से सर्विस में है तो उस पर प्रोटेक्शन क्लॉज के तहत पुराने वाले नियम ही लगने चाहिए लेकिन 2015 में बनाए गए इन नए नियमों में प्रोटेक्शन क्लॉज भी नहीं दिया गया.''
कर सहायकों (Tax Assistants) के संघ महासचिव चित्रसेन गर्ग ने कहा, ''नये भर्ती नियमों की वजह से अन्तिम 5 साल में कोई भी प्रमोशन नहीं हुये हैं, कर्मचारी अवसाद ग्रसित है, रिक्तियों के खाली होने के कारण विभाग के राजस्व संग्रह के कार्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहें हैं.''
इतना ही नहीं डी ओ पी टी के नियमों में यह भी लिखा हुआ है कि सक्सेसिव लेबल्स पर डायरेक्ट रिक्रूटमेंट नहीं होना चाहिए लेकिन सी बी आई सी ने डीओ पी टी के इस नियम का भी पालन नहीं किया....
CBIC में काम कर रहे विकास गुप्ता कहते हैं, ''मैंने सीबीआईसी में टैक्स असिस्टेंट के रूप में 2016 मे ज्वॉइन किया. मेरे एक अन्य साथी ने टैक्स असिस्टेंट के रूप में सीबीडीटी 2016 में जॉइन किया. आज मेरा वही साथी दो प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर बन चुका है जबकि मैं यहाँ अपने पहले प्रोमोशन का इंतजार कर रहा हूँ.''
रूबी महावर कहती हैं, ''डिपार्टमेंट में सात साल बीत जाने के बाद भी मुझे अपने पहले प्रमोशन का इंतजार है. CBIC ने 2015 में रिक्रूटमेंट रूल्स बनाये जिनके मुताबिक एक टैक्स असिस्टेंट को 3 की बजाय, अब 10 साल में प्रमोशन मिलेगा. रूल्स को बनाने में CBIC ने DOPT की गाइडलाइंस को भी कंसीडर नहीं किया. मैं सीबीआईसी से निवेदन करती हूं कि पुराने रूल्स फिर से लागू किये जाए.''
राजेन्द्र सिंह कहते हैं, ''मैंने CBIC को 2012 में टैक्स असिस्टेंट के पद पर ज्वॉइन किया और 28.09.2015 को 3 साल पूरे कर चुका था और अगले ही साल प्रमोशन होना था. लेकिन CBIC ने प्रमोशन के नियमों में सर्विस 3 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दी. आज मैं डिपार्टमेंट में 8 साल टैक्स असिस्टेंट के तौर पर कार्यकाल पूरा कर चुका हूँ और अभी तक एक भी प्रमोशन नहीं मिला है. नए RR ने मेरा भविष्य और करियर दोनों पर बहुत बुरी तरह प्रभाव डाला है.''
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