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महाराष्ट्र में मंदिर न खोलने का विवाद बढ़ा, साधु संतों से नहीं मिले CM उद्धव ठाकरे

TLB Desk

मुंबई 22 Oct, 2020 08:31 pm

महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों और ख़ास तौर से मंदिरों को न खोलने को लेक विवाद बढ़ रहा है. आज कई साधु-संतों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने का समय मांगा था. लेकिन, सीएम ठाकरे साधु-संतों से नहीं मिले. जिसके बाद साधु-संतों ने उद्धव ठाकरे की सरकार को अल्टीमेटम दिया कि अगर सरकार ने जल्द ही महाराष्ट्र के मंदिर नहीं खोले, तो इसे लेकर बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा. साधु संतों के संगठन आध्यात्मिक समन्वय अघाड़ी ने चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी है. इसमें कहा गया है कि देश के 25 राज्यों में मंदिर खोले जा चुके हैं, तो फिर महाराष्ट्र में मंदिरों को खोलने की इजाज़त क्यों नहीं दी जा रही है.

साधु-संत चाहते हैं कि विजयदशमी यानी दशहरे के दिन, महाराष्ट्र के मंदिर खोलने की घोषणा की जाए. या फिर 27 अक्टूबर यानी आश्विन एकादशी से मंदिर खोले जाएं. संत समाज ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि अगर साधु संत, सरकार के इस फ़ैसले से नाराज़ हुए, तो इसकी ज़िम्मेदारी पूरी तरह से सरकार की होगी.

आध्यात्मिक समन्वय अघाड़ी में साधु--संत, कई धार्मिक संगठन और बीजेपी की आध्यात्मिक इकाई शामिल है. बीजेपी, अगस्त महीने से ही महाराष्ट्र में मंदिर खोलने की मांग कर रही है. लेकिन, उद्धव ठाकरे राज्य में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते धार्मिक स्थल खोलने से मना कर रहे हैं. 29 अगस्त को बीजेपी ने मंदिर खोलने के लिए घंटा नाद रैली आयोजित की थी. 

कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल और बीजेपी के नेता रहे भगत सिंह कोश्यारी ने भी मंदिर खोलने के लिए उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी थी. जिसमें उन्होंने उद्धव ठाकरे पर तंज़ कसते हुए कहा था कि आप कबसे सेक्यूलर हो गए. इसके जवाब में उद्धव ठाकरे ने भगत सिंह कोश्यारी को संविधान की शपथ की याद दिलाई थी, जिसमें सेक्यूलरिज़्म की रक्षा का भी ज़िक्र है.

मार्च महीने में देशव्यापी लॉकडाउन लगने के साथ ही पूरे देश में धार्मिक स्थल बंद कर दिए गए थे. हालांकि जून में अनलॉक-1 की गाइडलाइन जारी करने के साथ ही केंद्र सरकार ने धर्म स्थलों को कोविड-19 गाइडलाइंस के साथ खोलने की इजाज़त दे दी थी. जिसके बाद जम्मू का वैष्णो देवी मंदिर, तिरुपति का भगवान बालाजी मंदिर, काशी का विश्वनाथ मंदिर और मथुरा का श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदर खुल गया. 

लेकिन, महाराष्ट्र में हालात बिल्कुल अलग हैं. राज्य में कोरोना के सबसे अधिक मरीज़ हैं. ख़ुद प्राइम मिनिस्टर महाराष्ट्र को कोरोना के प्रति सावधान रहने को कह चुके हैं. इसी वजह से उद्धव सरकार राज्य में धार्मिक स्थल खोलने की इजाज़त देने से हिचकिचा रही है. उद्धव की पार्टी शिवसेना ने अपनी सालाना दशहरा रैली को भी इस साल कोविड-19 के चलते कैंसिल कर दिया है.

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