भारत और चीन के विदेश मंत्री आज रूस की राजधानी मॉस्को में मिलेंगे. दोनों ही देशों के विदेश मंत्री, शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए मॉस्को में हैं.
इसी दौरान रूस, भारत और चीन (RIC) के विदेश मंत्रियों की मीटिंग होगी. जिसके बाद भारत के विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वैंग यी के बीच डायरेक्ट मीटिंग होगी.
Pleasure to meet FM Sergey Lavrov, this time in person. Excellent talks that reflect our Special and Privileged Strategic Partnership. Value our exchanges on the international situation. pic.twitter.com/e9ztsiuy8l
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 9, 2020
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच ज़बरदस्त तनाव को देखते हुए विदेश मंत्रियों की इस बैठक को काफ़ी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
मई में लद्दाख में तनाव शुरू होने के बाद भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की ये पहली डायरेक्ट मीटिंग होगी. हालांकि इससे पहले दोनों फॉरेन मिनिस्टर्स वीडियो कॉल के ज़रिए बात कर चुके हैं.
माना जा रहा है कि विदेश मंत्रियों की इस बैठक से चीन और भारत के बीच सीमा पर चल रहे ज़बरदस्त तनाव को कम करने में मदद मिलेगी.
चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पचास हज़ार से ज़्यादा सैनिक तैनात कर रखे हैं. उसने भारी मात्रा में मिसाइलें और टैंक भी मोर्चे पर जमा कर लिए हैं. और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अपने इलाक़े में टैंकों की अक्सर परेड करा रही है.
वहीं, भारत ने भी अपने इलाक़े की मोर्चेबंदी कर रखी है. भारत ने भी पूर्वी लद्दाख में अपने भारी भरकम टैंक भीष्म यानी T-90 तैनात कर रखे हैं. इसके अलावा आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम, और लड़ाकू विमान भी तैनात कर रखे हैं.
भारत ने साफ़ लफ़्ज़ों में कह दिया है कि अगर चीन ने सीमा पर कोई हिमाकत की तो उसको इंडियन आर्मी मुंह तोड़ जवाब देगी.
7 सितंबर को पूर्वी लद्दाख के चुशूल में चीन के सैनिकों ने हवा में गोलियां चलाई थीं. 1975 के बाद ऐसा पहली बार हुआ था जब भारत और चीन की सीमा पर गोली चली थी.
असल में चीन के सैनिकों ने 29/30 सितंबर की रात को भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की थी. जिसके बाद इंडियन आर्मी ने पूर्वी लद्दाख में अपनी सभी फारवर्ड पोस्ट पर दोबारा सैनिक तैनात कर दिए थे. इन पोस्ट को जून में तय हुए डिसएंगेजमेंट समझौते के कारण ख़ाली किया गया था. मगर चीन की हरकतों को देखते हुए भारत ने साफ़ कर दिया कि वो अपने सैनिक मोर्चे से पीछे नहीं हटाएगा.
विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर कह चुके हैं कि इस समय भारत और चीन के बीच सीमा पर 1962 के युद्ध से पहले जैसा तनाव है.
मॉस्को में ही चीन की गुज़ारिश पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री जनरल फेंघे से मुलाक़ात की थी. जिसमें भारत ने कहा था कि मौजूदा तनाव के लिए चीन ही ज़िम्मेदार है. क्योंकि उसके सैनिक सीमा समझौते का पालन नहीं कर रहे हैं. और बार बार भारत की सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं.
Met with the Chinese Defence Minister, General Wei Fenghe in Moscow. pic.twitter.com/Jex9gKCf98
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 4, 2020
माना जा रहा है कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की इस बैठक से सीमा पर तनाव कम करने का रास्ता निकलेगा.
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