प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व चीफ मिनिस्टर फ़ारुक़ अब्दुल्ला से पूछताछ कर रहे हैं. ये पूछताछ साल 2015 के एक केस के सिलसिले में हो रही है. 2015 में CBI ने कई करोड़ रुपयों के घोटाले का केस दर्ज किया था.
ये मामला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ के फंड मे हेराफेरी का है. इस मामले में फ़ारुक़ अब्दुल्ला और तीन अन्य लोगों के ख़िलाफ़ श्रीनगर के कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी.
इसी केस में अब प्रवर्तन निदेशालय ने फ़ारुक़ अब्दुल्ला के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की है.
इस मामले में अब्दुल्ला से जुलाई 2019 में भी प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ की थी.
फ़ारुक़ अब्दुल्ला ने शुक्रवार को ही जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और 35A वापस लागू करने के लिए आंदोलन छेड़ने का एलान किया था. उनके श्रीनगर के गुपकर रोड स्थित आवास पर जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं की बैठक हुई थी. जिसमें कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर के जन प्रतिनिधि राज्य की संवैधानिक स्थिति में बदलाव को अस्वीकार करते हैं. और 5 अगस्त 2019 से पहले की स्थिति बहाल करने की मांग को लेकर आंदोलन करेंगे.
“We have named this alliance as People's Alliance for Gupkar Declaration. Our battle is a constitutional battle, we want the government of India to return to the people of the State the rights they held before 5th Aug 2019” - Dr Farooq Abdullah. pic.twitter.com/lCz9vDHT83
— Sarah Hayat Shah (@SaraHayatShah) October 15, 2020
इससे पहले फ़ारुक़ अब्दुल्ला तब विवादों में घिर गए थे. जब उन्होंने लद्दाख में चीन की घुसपैठ को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि चीन की मदद से जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को बहाल किया जा सकेगा.
अब्दुल्ला ने चीन की घुसपैठ का सीधा ताल्लुक़ जम्मू-कश्मीर के संवैधानिक स्टेटस में बदलाव से जोड़ा था.
बाद में चीन के विदेश मंत्रालय ने भी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने पर ऐतराज़ जताते हुए कहा था कि वो भारत द्वारा किए गए इन संवैधानिक परिवर्तनों को नहीं मानता.
हालांकि, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चीन हो या कोई और देश, वो भारत के अंदरूनी मामलों में दखल न दे.
फ़ारुक़ अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर की समस्या के समाधान के लिए पाकिस्तान से बातचीत का भी समर्थन करते रहे हैं.
अब्दुल्ला परिवार की तीन पीढ़ियां, जम्मू-कश्मीर पर राज कर चुकी हैं. पहले फ़ारुक़ अब्दुल्ला के पिता शेख़ अब्दुल्ला लंबे समय तक सूबे के चीफ मिनिस्टर रहे थे. उनके बाद, ख़ुद फ़ारुक़ अब्दुल्ला राज्य के मुख्यमंत्री रहे.
फ़ारुक़ अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
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