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पीएम मोदी बोले- नर्सरी से PhD तक की पढ़ाई में होगा बड़ा बदलाव, स्‍टार्ट पर होगा फोकस

TLB Desk

नई द‍िल्‍ली 03 Mar, 2021 07:52 pm

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि नई शिक्षा नीति के प्री-नर्सरी से लेकर पीएचडी तक के सभी प्रावधानों को जल्‍दी लागू किया जाना जरूरी है. पीएम मोदी ने शिक्षा क्षेत्र के लिए घोषित बजट प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने की बात कही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विषय पर बुधवार एक वेबिनार को संबोधित किया. 

इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, "एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने के लिए देश के युवकों का आत्मविश्वास बढ़ाना बेहद जरूरी है. आत्मविश्वास तभी आता है, जब युवकों को अपनी शिक्षा और ज्ञान पर पूरा भरोसा हो. आत्मविश्वास तब आता है, जब उन्हें यह महसूस हो कि उनका अध्ययन उन्हें अपना काम करने के लिए उचित अवसर और अनिवार्य कुशलता दिलाता है."

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का निर्माण इसी विचार के साथ किया गया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नई शिक्षा नीति के प्री-नर्सरी से लेकर पीएचडी तक के सभी प्रावधानों को जल्‍दी किया जाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि बजट प्रावधान इस संदर्भ में पर्याप्त मददगार होंगे.

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल के बजट का पूरा ध्यान स्वास्थ्य के बाद शिक्षा, कुशलता, अनुसंधान और नवाचार पर है. उन्होंने देश के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के बीच बेहतर तालमेल बनाने का आह्वान किया.

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से शिक्षा को रोजगार और उद्यमिता क्षमताओं से जोड़ने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, उन्हें इस बजट में और विस्तार दिया गया है. उन्होंने कहा कि वैश्विक नवाचार इंडेक्स में भारत शीर्ष 50 देशों में शामिल हो चुका है और उसकी स्थिति लगातार बेहतर हो रही है.

उन्होंने कहा कि देश में स्टार्टअप के लिए हैकथॉन आयोजित करने की एक नई परंपरा शुरू हुई है जो देश के युवा और उद्योगों दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो रही है. उन्होंने बताया कि नवाचार के विकास और उसे बढ़ावा देने की राष्ट्रीय पहल (NIDHI) के जरिए 3500 से ज्यादा स्टार्टअप का विकास किया जा रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि भविष्य का ईंधन (फ्यूचर फ्यूल) और हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) ऊर्जा के क्षेत्र में खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बेहद जरूरी है. इसके लिए बजट में जिस हाईड्रोजन मिशन की घोषणा की गई है, उसकी तरफ हमें पूरी गंभीरता से बढ़ना है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में ज्यादा से ज्यादा स्थानीय भाषाओं के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया गया है. अब यह देखना अकादमीशियनों और हर एक भाषा के विशेषज्ञों की जिम्मेदारी है कि देश और विश्व का श्रेष्ठ साहित्य हर भारतीय भाषा में किस तरह तैयार किया जाए.

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