कोरोना जैसी आपदा की घड़ी में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए जिन सरकारी संस्थाओं ने बेहतर काम किए उनमें से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का काफी महत्वपूर्ण योगदान है. लेकिन यह खबर कोरोना से प्रभावित लोगों की मदद करने की नहीं है. यह खबर है एक ऐसे प्रयास की जो इस देश में पहली बार हुआ है. यह प्रयास अपने आप में अनूठा भी है और इकलौता भी.
ऐसा पहली बार हुआ है जब अखबार में छपी मौत की खबर के आधार पर मृतक के परिवार को तलाशा गया. फिर उसके पीएफ का पैसा और पेंशन देने की शुरुआत की गई. यह तो उस परिवार वालों को पता ही नहीं था कि ऐसा भी हो सकता है. जिन्हें पेंशन और पीएफ का पैसा दिया गया उन परिवारों की स्थिति काफी दयनीय थी. परिवार वालों का कहना था कि कमिश्नर साहब मेरे लिए किसी भगवान से कम नहीं है. ऐसा भी होगा उन्हें इसका अंदाजा भी नहीं था.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी में 30 सितंबर को 6 परिवार वालों को पेंशन की सुविधा प्रदान की गई. साथ ही उसके अकाउंट में पीएफ की राशि भी जमा करा दी गई. लाभान्वितों में हदीश खान (मृत्यु: 27 मई 2020), जितेंद्र कुमार (मृत्यु: 22 जून 2020), संतोष शर्मा (मृत्यु: 6 जून 2017), पिंटू यादव (मृत्यु: 12 मई 2020), मिथातु (मृत्यु: 3 अगस्त 2019), अमानत खान (मृत्यु: 24 मई 2020) के परिवार वाले शामिल हैं.
EPFO द्वारा इस देश में ऐसा पहली बार हुआ है जो अपने आप में अनूठा भी है और इकलौता भी. ऐसा पहली बार हुआ है जब अखबार में छपी मौत की खबर के आधार पर मृतक के परिवार को तलाशा गया. फिर उसके पीएफ का पैसा और पेंशन देने की शुरुआत की गई. @socialepfo @UpendraEPFO @epfoaindia @EpfoKannur pic.twitter.com/fOJnpDMpX7
— The Last Breaking (@thelastbreaking) September 30, 2020
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी के आयुक्त उपेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अपर केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त, गौतम दीक्षित, (कानुपर कार्यालय) के निर्देशन एवम् मार्गदर्शन में क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी ने इस काम को किया है.
पेंशन के कागजात प्रदान करते हुए श्रेत्रीय आयुक्त उपेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हमारे कार्यालय ने अखबार में प्रकाशित मौत की खबर से पीडि़त परिवार तक पहुंचे. इनमें से कई परिवार वालों को पता ही नहीं था कि ईपीएफओ की ओर से उन्हें पेंशन और इंश्योरेंस की सुविधा भी मिलती है. उन्होंने कहा कि इस कार्य में हमारे सहयोगियों ने मृतक व्यक्ति के परिवार वालों तक पहुंचा, फिर यह भी जनकारी एकत्रित किया कि मृतक व्यक्ति किस कंपनी में काम करता था. मृतक परिवार के लाभार्थी का बैंक में खाता खुलवाने से लेकर पेंशन सुनिश्चित कराने तक कार्यालय के सहयोगियों ने काफी मेहनत किया.
उपेंद्र प्रताप ने कहा कि यह एक ऐसा कार्य है जो देश में पहली बार वाराणसी से शुरू हुआ है. उन्होंने मीडिया से अपील की कि जब भी किसी दुर्घटना की खबर रिपोर्ट करें तो संबंधित व्यक्ति जहां कार्य कर रहे हों उसका जिक्र जरूर करें ताकि आवश्यकता पड़ने पर ईपीएफओ कार्यालय त्वरित गति से उनके परिवार वालों तक लाभ पहुंचा सके.
श्रेत्रीय आयुक्त ने कहा कि आज इस कार्यालय से एक और कार्य की शुरूआत की गई है. अब जो कर्मचारी जिस भी दिन रिटायर होगा, उसकी पेंशन उसी दिन से तैयार हो जाएगी और शुरू कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि आमतौर पर सरकारी या निजी कर्मचारी को रिटायर होने के बाद व्यवस्थित पेंशन पाने में महीनों लग जाते थें. कागजी काम लंबे समय तक चलता था और उसके बाद ही पेंशन बन पाता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. आज जो कर्मचारी रिटायर हुए, उन्हें उनकी पेंशन से संबंधित सारे कागजात दे दिए गए हैं और उनकी पेंशन शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा कि वाराणसी कार्यालय के अधीन आने वाले 10 जिलों में इसकी शुरूआत की गई. इनमें से कुछ सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी वाराणसी कार्यालय आए तथा कुछ को ऑनलाइन ही सारा कुछ बताया गया. निजी क्षेत्र में अक्सर 58 वर्षों में सेवानिवृत्ति हो जाती है लेकिन पेंशन के निर्धारण में अमूमन दो से तीन महीने लग जाते हैं. इसके लिए कर्मचारियों को भागदौड़ भी करना पड़ता था. अब इस नई पहल के बाद उनकी यह समस्या समाप्त खत्म हो जाएगी.
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