केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के बागपत के किसानों के एक प्रतिनधि मंडल से मुलाकात की. बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए तोमर ने दावा किया कि प्रतिनिधि मंडल ने नए कृषि कानूनों के समर्थन में उन्हें एक चिट्ठी सौंपी है. इस दौरान तोमर ने राहुल गांधी पर निशाना भी साधा. आपको बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ राहुल गांधी समेत अन्य कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उन्हें 2 करोड़ हस्ताक्षर वाला ज्ञापन भी सौंपा. राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन पर किसानों, खेत मजदूरों और अन्य हितधारकों के हस्ताक्षर शामिल हैं जो इन कानूनों का शुरू से ही विरोध कर रहे हैं.
किसान मजदूर संघ के 60 किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात के बाद तोमर ने मीडिया से कहा, "केंद्रीय कृषि कानूनों के समर्थन में किसानों ने मुझे एक चिट्ठी दी है. उन्होंने मुझसे कहा कि कृषि कानूनों में संशोधन करने के लिए सरकार को किसी दबाव मे झुकना नहीं चाहिए."
कृषि कानूनों पर विरोध बढ़ने के साथ ही तोमर पिछले कुछ दिनों से किसान नेताओं के कई प्रतिनिधि मंडलों से मिल चुके हैं, जो उनके मुताबिक कृषि सुधारों के खिलाफ हैं. तोमर के मुताबिक, "राहुल गांधी जो कुछ भी कहते हैं उसे तो कांग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती. आज वो हस्ताक्षरों के साथ राष्ट्पति के पास विरोध दर्ज कराने गए, लेकिन इन किसानों का कहना है कि कांग्रेस से उनके हस्ताक्षर लेने के लिए कोई नहीं आया."
आपको बता दें कि कृषि मंत्री तोमर उस ज्ञापन का जिक्र कर रहे थे जिसे आज राहुल गांधी ने राष्ट्रपति को सौंपा है. कांग्रेस का दावा है कि ज्ञापन में कृषि कानूनों के खिलाफ दो करोड़ हस्ताक्षर हैं. तोमर ने कहा, "अगर राहुल गांधी इतने चिंतित हैं तो उन्होंने किसानों के लिए कुछ किया होता. कांग्रेस का चरित्र हमेशा से किसान विरोधी रहा है."
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने अन्य कांग्रेसी नेताओं गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात कर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध दर्ज कराया. यही नहीं राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च कर रहीं प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई कांग्रेसी नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया. वहीं, पुलिस का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया क्येांकि सिर्फ राहुल गांधी, आजाद और चौधरी को राष्ट्रपति कोविंद से मिलने की अनुमति मिली थी.
गौरतलब है कि किसान पिछले 29 दिनों से राष्ट्रीय राजधानी की कई सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. किसान इन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. किसानों के साथ कई दौर की वार्ता विफल रही है.
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