3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर के किसानों का आंदोलन जारी है. किसान संगठन देश की राजधानी नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस विरोध का सोशल मीडिया पर काफी असर देखने को मिल रहा है. किसानों के आंदोलन के संबंध में आधिकारिक सूचना के प्रसार के लिए किसान एकता मोर्चा नाम से एक ट्विटर अकाउंट बना और किसान एकता मोर्चा नाम से फेसबुक पेज बना. आरोप है कि फेसबुक ने किसान एकता मोर्चा के फेसबुक पेज को अनपब्लिश कर दिया था.
पेज बंद होने के बाद किसानों ने और किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे लोगों ने फेसबुक का जमकर विरोध किया. विवाद ने तूल पकड़ा तो कुछ घंटे बाद फेसबुक ने किसान एकता मोर्चा के फेसबुक पेज को फिर से पब्लिश कर दिया. फेसबुक की ओर से बयान जारी कर किसान एकता मोर्चा का पेज चालू किए जाने की जानकारी दी गई. फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा कि हमने किसान एकता मोर्चा के फेसबुक पेज https://www.facebook.com/kisanektamorcha को फिर से चालू कर दिया है. फेसबुक के प्रवक्ता ने असुविधा के लिए खेद भी व्यक्त किया है.
इससे पहले ट्विटर पर किसान एकता मोर्चा ने पेज अनपब्लिश किए जाने का स्क्रीनशॉट ट्वीट किया था. किसान एकता मोर्चा ने आवाज दबाने का आरोप लगाया. स्क्रीनशॉट के मुताबिक फेसबुक पेज कम्युनिटी स्टैंडर्ड की अवहेलना करने का हवाला देते हुए अनपब्लिश किया गया था.
This is what they can do when people raise their voices.......
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) December 20, 2020
When they can't beat us ideologically.......#DigitalKisan #SuppressingTheVoiceOfDissent pic.twitter.com/foK6k5zzM3
तेजी से बढ़ रहे पेज के फॉलोअर्स
जमीन के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी किसानों का आंदोलन काफी प्रभावी दिख रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा ने सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लैटफॉर्म्स पर किसान एकता मोर्चा नाम से अकाउंट बनाया था. इस पेज के बनने के बाद से ही इस पर बड़ी संख्या में लोग जुड़ गए. किसान एकता मोर्चा के फेसबुक पेज पर 1 लाख 28 हजार से ज्यादा लाइक्स हैं और इस पेज को 1 लाख 61 हजार से ज्यादा लोग फॉलो कर रहे हैं.
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भूख हड़ताल पर बैठे किसान
आज सोमवार को किसान फिर से भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. कृषि कानूनों का विरोध करते हुए किसानों को 25 दिन हो चुके हैं. सरकार से 6 दौर की बात भी हुई है लेकिन ये बातचीत अभी तक बेमानी ही रही है. किसान अपनी मांगों पर डटे हैं. उनका साफ कहना है कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेगी उनका प्रदर्शन जारी रहेगा और गुजरते वक्त के साथ प्रदर्शन और भी तेज होगा. इसके साथ ही किसानों ने घोषणा की है कि 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा के टोल पर कोई भी किसान टोल अदा नहीं करेगा.
VIDEO: विरोध के बाद Facebook ने खोला किसान एकता मोर्चा का पेज
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