नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में कृषि कानूनों को पूरी तरह खारिज करते हुए तीनों कानूनों की कॉपियां फाड़ दीं. इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि ये कानून किसानों के लिए नहीं बल्कि इस मकसद से बनाए गए हैं ताकि बीजेपी की चुनावों के लिए फंडिंग सुनिश्चित हो सके.
देश के किसानों की मांगों के साथ दिल्ली सरकार एवं आम आदमी पार्टी मज़बूती के साथ खड़ी है। किसान विरोधी काले कानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली विधानसभा से मेरा सम्बोधन | LIVE https://t.co/KyOIerL6bf
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 17, 2020
केजरीवाल ने एक दिवसीय दिल्ली विधानसभा के सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही के दौरान कृषि कानूनों की कॉपियां फाड़ी. आपको बता दें कि सदन में पहले ही प्रस्ताव पारित कर मांग की जा चुकी थी कि केंद्र सरकार को जल्द से जल्द कानून वापस ले लेना चाहिए. इसके बावजूद केजरीवाल ने कानून की प्रतियां फाड़ डालीं.
इस दौरान केजरीवाल ने कहा, "महामारी के दौरान सदन में कृषि कानूनों को पारित करने की क्या जल्दबाजी थी? ऐसा पहली बार हुआ है जब राज्य सभा में वोटिंग के बिना तीन कानून पारित कर दिए गए हों. वो भी तब जब कई सदस्य इसका विरोध कर रहे थे. पिछले 6-7 सालों में बीजेपी ने चुनावों को बेहद खर्चीला बना दिया है. चुनावों पर बहुत पैसा खर्च किया जा रहा है. इन कानूनों को किसानों के लिए पारित नहीं किया गया है. इन कानूनों को पारित कर बीजेपी की फंडिंग सुनिश्चित की गई है."
केजरीवाल ने केंद्र से 'काले कानूनों' को वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि सरकार अंग्रेजों से बदतर न बने. अंग्रेजों ने तो 9 महीने में बिल वापस ले लिए थे.
1907 में अंग्रेजों के समय भी तीन किसान विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों का ऐसा ही आंदोलन हुआ था। अंग्रेज सरकार भी पहले कुछ संशोधन के लिए तैयार हुई पर फिर अंग्रेजों ने सभी क़ानून वापिस ले लिए
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हमारी सरकार कब किसानों की माँगे मानेगी? pic.twitter.com/DVIBllyRBQ
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी वालों को भी कानूनों के फायदे नहीं पता. उन्होंने कहा, "सारे भाजपाइयों को अफीम खिला दी है, अफीम खिलाकर बोला है कि रट लो, यही बोलो. आज मैंने पूरा भाषण सुना योगी आदित्यनाथ का, उनको भी नहीं पता कि इसका क्या फायदा है."
भाजपा कह रही है कि किसानों को गुमराह किया जा रहा है। इन क़ानूनों के फ़ायदे बताने के लिए भाजपा ने अपने सारे दिग्गज नेता उतारे हैं पर इन भाजपा नेताओं को भी नहीं पता कि इन क़ानूनों का क्या फ़ायदा है? क्योंकि दरअसल इन क़ानूनों से किसानों को कोई फ़ायदा है ही नहीं। pic.twitter.com/OIShHlpFlm
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केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा कि अब बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व बड़े नेताओं से कहा रहा कि वे किसानों को समझाएं. उन्होंने कहा, "बीजेपी ने अपनी पार्टी के सभी नेताओं को एक लाइन रटा दी है कि किसान देश में कहीं भी अपनी फसल बेच पाएंगे. अरे, कम से कम उन्हें ये तो बताओ कि वे बेचेंगे कहां? बड़े व्यापारी औने-पौने दामों में किसानों से फसलें खरीदेंगे और उन्हें फुटकर में देश भर में ऊंची कीमतों में बेचेंगे जिससे महंगाई बढ़ेगी. ऐसा कहा जा रहा है कि किसानों को भ्रमित किया जा रहा है. लेकिन किसान नहीं, बीजेपी नेता और समर्थकों को भ्रमित किया गया है."
केजरीवाल ने कहा कि प्रदर्शन कर रहा हर एक किसान आज भगत सिंह बन गया है. केजरीवाल के मुताबिक, "किसानों को समझाने के अभियान के तहत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को बताया कि इन कानूनों से उन्हें फायदा होगा क्योंकि उनकी जमीने उनसे नहीं ली जाएंगी. तो ये फायदा कैसे हुआ? किसानों के पास पहले से अपनी जमीनी हैं. योगी ने कहा कि मंडी खत्म नहीं होंगी. तो ये भी फायदे की बात कैसे हुई क्योंकि मंडी प्रणाली तो पहले से ही है?
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