तीन नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठनों के नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच बुधवार को बैठक हुई. सरकार ने इस बैठक में कानूनों को रद्द करने की किसानों की मांग को ठुकरा दिया है. सरकार ने आज फिर किसानों की मांग पर चर्चा के लिए एक कमेटी के गठन का प्रस्ताव दिया. ये प्रस्ताव 1 दिसंबर को हुई बैठक में भी दिया गया था जिसे किसानों ने ठुकरा दिया था. अब अगली बैठक 4 जनवरी को होगी.
माननीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, माननीय रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल तथा किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के मध्य चर्चा सम्पन्न हुई। #AatmaNirbharKrishi #FarmActs2020@nstomar @PRupala @KailashBaytu @PiyushGoyal @SomParkashBJP @narendramodi
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) December 30, 2020
बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "आज की बैठक पहले की तरह अच्छे वातावरण में हुई. किसान नेताओं ने 4 मुद्दे चर्चा के लिए रखे थे, उनमें 2 विषयों पर आपसी रजामंदी सरकार और यूनियन के बीच में हुई है.''
बता दें कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार ने लिखित गारंटी देने का प्रस्ताव दोहराया है. लंच ब्रेक के दौरान नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने किसानों के साथ खाना खाया. आज पहले राउंड की बैठक में किसानों ने एक बार फिर से तीनों मंत्रियों के सामने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग दोहराई. इसके साथ ही, किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर एक कानून बनाने की भी मांग रखी.
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सरकार ने किसानों को भरोसा दिलाया कि दिल्ली-NCR के वातावरण को साफ रखने के लिए ऑर्डिनेंस में किसानों को बाहर रखा जाएगा, जिसमें किसानों को पराली जलाने पर 1 करोड़ तक का जुर्माना रखा गया था. सरकार का कहना है कि बाकी जिन क्लॉज़ पर आपत्ति है उसपर सरकार विचार को तैयार है, लेकिन किसान नेताओं का कहना है कि हमें संशोधन पर बात नहीं करनी.
आपको बता दें कि बुधवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में होने वाली बातचीत से ठीक पहले किसान नेताओं ने कृषि सचिव को चिट्ठी लिख कर साफ कर दिया था कि उनके लिए बैठक का मुख्य एजेंडा 3 नए कृषि सुधार कानूनों को रद्द करना और MSP पर खरीद की कानूनी गारंटी की मांग होगी.
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