पिछले 12 दिनों से राजधानी दिल्ली की सरहदों पर डेरा डाले किसानों की मांग है कि उन्हें दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रदर्शन की इजाजत दी जाए. पंजाब किसान यूनियन के आरएस मनसा ने कहा है कि हम दिल्ली या हरियाणा से किसी को भी असुविधा नहीं पहुंचाना चाहते हैं. हमें रामलीला ग्राउंड पर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ पंजाब और हरियाणा से किसान बड़ी संख्या में दिल्ली के बॉर्डर पर जमा हैं और लगातार इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इसी दिशा में किसानों ने आज भारत बंद का आह्वान भी किया था जिसका असर कई जगह देखने को मिला. हालांकि किसानों ने साफ कहा है कि वो अपनी लड़ाई खुद लड़ेंगे. अपने मंच पर किसी राजनीतिक पार्टी को जगह नहीं देंगे. फिर भी विपक्षी पार्टियों का किसान आंदोलन को समर्थन मिल रहा है. आज किसानों की मांगों के समर्थन में देशभर में विपक्षी पार्टियों ने कई जगह प्रदर्शन किया. दिल्ली-एनसीआर में चक्का जाम भी किया गया. भारत बंद के चलते आम लोगों को कई जगह परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन कुल मिलाकर भारत बंद शांतिपूर्ण ही रहा जैसा कि किसान नेताओं ने कहा भी था.
किसानों के साथ सरकार की अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन हर दौर की बात बेतनीजा ही ख़त्म हुई है. किसान नेताओं का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है सिर्फ बातचीत का नाटक कर रही है. हर मीटिंग में सिर्फ अगली बैठक की तारीख ही उनके हाथ लगती है. जबकि सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में है और इसके फायदे सरकार किसानों को समझाने की कोशिश कर रही है. किसानों की कई मांगों को सरकार ने माना भी है लेकिन किसानों को कोई ठोस आश्वासन अब तक नहीं दिया है.
किसान नेताओं के साथ बुधवार को सरकार अगले दौर की बात करने वाली है लेकिन उससे पहले आज गृह मंत्री किसानों से मुलाकात करने वाले हैं. कल होने वाली बातचीत के मसौदे पर माथापच्ची करने के लिए ही आज हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकत की थी.
किसानों का कहना है कि सरकार कानून में संशोधन की बात कर रही है जबकि किसान चाहते हैं कि कानून पूरी तरह वापस लिया जाए. जब तक कानून वापस नहीं होगा तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगी.
विपक्षी पार्टियां भी अब किसानों के समथर्न में खुल कर सामने आ गई हैं. आज भारत बंद में विपक्ष की 18 पार्टियों ने साथ दिया है और अब कल शाम विपक्ष का 5 सदस्यों वाला प्रतिनिधि मंडल राष्ट्रपति से मुलाकात करेगा और कृषि कानून वापस लेने की अपील करेगा. प्रतिनिधि मंडल में राहुल गांधी, शरद पवार और सीताराम येचुरी शामिल हैं.
बताया जा रहा है कि विपक्ष के लगभग सभी नेता राष्ट्रपति से मिलकर कानून वापस लेने की मांग करने वाले थे लेकिन कोविड प्रोटोकोल के चलते केवल 5 सदस्यों को ही राष्ट्रपति से मिलने की अनुमति दी गई है.
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