केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय बजट 2021-2022 ने भारत को 'आत्मनिर्भर' बनने के लिए गति प्रदान की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब से ही आत्मनिर्भर का यह मंत्र उनके अनुभव से प्राप्त हुआ है. फिर, उन्हीं अनुभवों के आधार पर सुधार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को इस बजट में भी शामिल किया गया. लोकसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 (Covid-19) महामारी के कारण सरकार के सामने कई प्रकार की चुनौतियां थीं और इसने 'प्रोत्साहन और सुधार' दोनों पर ध्यान केंद्रित किया. आपको बता दें कि सीतारमण के भाषण के साथ ही संसद के बजट सत्र के पहले हिस्से का समापन हो गया.
Watch Live: Smt @nsitharaman replies to the debate on the Union Budget 2021-22 in the Lok Sabha https://t.co/qOOmLN9PTI
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) February 13, 2021
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस आपदा को एक अवसर में बदल दिया. सीतारमण ने कहा कि कोविड महामारी जैसी चुनौतियां भी सरकार को उन सुधारों को करने से नहीं रोक पाईं जो अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और देश की दीर्घकालिक प्रगति को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं.
एक फरवरी को पेश किए गए केंद्रीय बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा, "प्रोत्साहन और सुधार - महामारी की स्थिति से एक अवसर हासिल हुआ है. महामारी जैसी चुनौतीपूर्ण स्थिति भी सुधार के लिए कदम उठाने से सरकार को नहीं रोक सकी जो इस देश के लिए दीर्घकालिक प्रगति को बनाए रखने के लिए जरूरी हैं."
इस दौरान राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "मैंने सोचा कि कृषि कानूनों के एक खंड को निकालकर राहुल गांधी संसद में कहेंगे कि इसकी वजह से किसानों को नुकसान होने वाला है, इसका हम समर्थन नहीं करेंगे. ऐसा करके इन तीनों कानूनों से एक तो ऐसा क्लॉज बताएंगे कि जो किसानों के खिलाफ है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. राहुल गांधी बताएं कि कृषि कानूनों में क्या कमी है?"
वित्त मंत्री ने कहा, "कांग्रेस क्यों पहले कृषि कानूनों का समर्थन करती थी और अब बदल गई. किसानों को इतना ज्ञान देने वाली कांग्रेस बहुत से राज्यों में चुनाव जीतने के लिए कहती थी कि हम कृषि लोन देंगे, लेकिन मध्य प्रदेश में यह लागू नहीं हुआ. कांग्रेस ने वोट लिया और किसानों को गुमराह किया. कांग्रेस ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छतीसगढ़ में कर्ज माफी नहीं की. उम्मीद थी कि कांग्रेस ने इस पर बयान देगी लेकिन नहीं दिया. उम्मीद थी कि कांग्रेस पराली के विषय पर पंजाब में कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों को कुछ राहत दिलाएगी मगर ये भी नहीं किया."
वित्त मंत्री ने अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी के हम दो हमारे दो बयान का जवाब दिया. उन्होंने कहा, "एक पार्टी की सरकार में 'दामाद' को कई राज्यों (राजस्थान, हरियाणा) में जमीनें मिलीं. मैं आपको इसके डीटेल्स दे सकती हूं. दरअसल, हम दो हमारे दो ये हैं. हम दो लोग पार्टी की देखरेख कर रहे हैं. बाकी के दो लोग (बेटी और दामाद) दूसरी चीजों को देखेंगे, लेकिन हमारी पार्टी ऐसा नहीं करती है. पीएम स्वनिधि योजना इसका ट्रेलर है. पीएम स्वनिधि योजना के तहत छोटे-छोटे व्यापारियों की मदद की गई."
आपको बता दें कि लोकसभा में आम बजट पर चर्चा के दौरान गुरुवार को राहुल गांधी ने मोदी सरकार की जमकर आलोचना की थी. राहुल गांधी ने बजट पर बहस के दौरान कृषि कानूनों का मुद्दा उठाया और कहा कि ये कानून मंडियों को खत्म कर देंगे और उद्योगपतियों को असीमित जमाखोरी का अधिकार दे देंगे. उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के लिए पहले एक नारा था 'हम दो हमारे दो.' जैसे अब कोरोना अलग रूप में आ गया है, उसी तरह यह नारा भी दूसरे रूप में आ गया है.
राहुल गांधी ने कहा कि देश को चार लोग चला रहे हैं- हम दो हमारे दो. हर एक आदमी उनके नाम जानता है. हम दो, हमारे दो यह किसकी सरकार है. राहुल के इस जुमले के बाद बीजेपी के लोग कांग्रेस पर भड़क गए थे.
वहीं, सीतारमण ने आज बजट पर जवाब देते हुए यह भी कहा कि केंद्रीय बजट ने भारत को आत्मनिर्भर बनने के लिए गति प्रदान की है.
उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि बजट 2021-22 प्रधानमंत्री के अनुभवों से लिया गया है जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने उस समय बहुत सारे बदलाव देखे थे.
सीतारमण ने कहा कि यह बजट पीएम के अनुभव से लिया गया है जब वह गुजरात के सीएम थे. उस समय बहुत कुछ बदलाव हो रहा था. 1991 के बाद लाइसेंस कोटा राज समाप्त हो रहा था और फिर उन्हीं अनुभवों के आधार पर सुधार के प्रति प्रतिबद्धता को इस बजट में भी शामिल किया गया.
उन्होंने जिक्र किया कि 'जनसंघ' से लेकर अब तक "हम लगातार भारत और इसके विकास में विश्वास करते हैं."
सीतारमण ने कहा कि भारतीय उद्यमिता कौशल, भारतीय प्रबंधकीय कौशल, भारतीय व्यापार कौशल, भारतीय व्यापार कौशल, भारतीय युवाओं और जनसंघ का सम्मान करते हुए भाजपा ने लगातार 'भारत में विश्वास किया है'.
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