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JDU का 'सिपाही' बनकर भी टिकट नहीं पा सके पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडेय 

Fauzia

नई दिल्‍ली 08 Oct, 2020 01:26 am

बिहार के DGP का पद छोड़कर सक्रिय राजनीति में उतरने वाले बिहार के पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडेय को बक्सर सीट से टिकट नहीं मिला है. राजनीति में शामिल होने के साथ ही कयास लगाए जा रहे थे कि गुप्तेश्वर पांडेय अपनी गृह सीट बक्सर से चुनावी मैदान में उतरकर सियासी पारी शुरु करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बीजेपी और जेडीयू में सीट बंटवारे के बाद बक्सर जिले की 4 विधानसभा सीटों में से दो डुमराव और राजपुर जेडीयू के कोटे में आई. जेडीयू ने इन दोनों सीटों से अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है.

डुमराव से अंजुम आरा को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है तो वहीं दूसरी तरफ राजपुर से बिहार सरकार के मंत्री संतोष निराला पार्टी के उम्मीदवार हैं. जेडीयू को उम्मीद थी कि बक्सर की सीट वो अपने खाते में ही रखेंगे लेकिन सीट बंटवारे के करार में ये सीट जेडीयू के हाथ से निकल गई.

बक्सर जिले की बाकी दो सीटें ब्रह्मपुर और बक्सर बीजेपी के खाते में गई हैं. सूत्रों के मुताबिक गुप्तेश्वर पांडेय अब ब्रह्मपुर या बक्सर सीट से चुनाव लड़ने के लिए जुगत लगा रहे हैं. आपको बता दें बीजेपी ने पहले चरण के चुनाव के लिए जिन सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है उनमें अभी ब्रह्मपुर और बक्सर से उम्मीदवारों के नाम तय नहीं किये गये हैं. इसीलिए गुप्तेश्वर पांडेय की उम्मीद की मशाल अभी रौशन है.

हालांकि, माना जा रहा है कि अगर बीजेपी ने भी गुप्तेश्वर पांडेय को टिकट नहीं दिया तो फिर वह वाल्मीकिनगर लोकसभा उपचुनाव में जेडीयू के उम्मीदवार हो सकते हैं. वाल्मीकिनगर लोकसभा उपचुनाव भी बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही होना है. 

आपको बाता दें सुशांत सिंह केस में गुप्तेश्वर पांडेय ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. वैसे भी वो समय-समय पर नीतीश कुमार की नीतियों की प्रशंसा करते ही रहते थे. काफी समय से कयास लगाए जा रहे थे कि वो सियासत में किस्मत आज़मा सकते हैं. पर वो इस बात से इनकार करते रहे. लेकिन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जब उन्होंने अपनी नौकरी से वीआरएस ले लिया तो इस बात पर मोहर लग गई. गुप्तेश्वर पांडेय ने अपने सियासी करियर की शुरुआत नीतीश कुमार की जेडीयू पार्टी ज्वाइन करके की थी. खुद नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी.

बिहार में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को होंगे. चुनाव के नतीजे दस नवंबर को आएंगे.

बिहार में 2010 के विधानसभा चुनाव में जेडी यू ने 141 और बीजेपी ने 102 सीटों पर चुनाव लड़ा था. जबकि, 2015 में जेडी यू और आरजेडी ने मिलकर चुनाव लड़ा था.

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