वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय वित्त, विदेश एवं रक्षा मंत्री श्री जसवंत सिंह (82 वर्ष) का निधन हो गया है. वे काफी समय से कोमा में थे. भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे जसवंत सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है. पीएम मोदी ने जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह को फोन कर दुख व्यक्त किया.
Spoke to Shri Manvendra Singh and expressed condolences on the unfortunate demise of Shri Jaswant Singh Ji.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2020
True to his nature, Jaswant Ji fought his illness with immense courage for the last six years.
इसके बाद पीएम मोदी ने जसवंत सिंह के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि वे राजनीति और समाज को लेकर अपने अलग तरह के नजरिए के लिए हमेशा याद किए जाएंगे. भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने में उनका खासा योगदान रहा था.
Jaswant Singh Ji served our nation diligently, first as a soldier and later during his long association with politics. During Atal Ji’s Government, he handled crucial portfolios and left a strong mark in the worlds of finance, defence and external affairs. Saddened by his demise.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2020
पीएम मोदी ने लिखा कि मैं उनके साथ हुई चर्चाओं को हमेशा याद रखूंगा. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं.
Jaswant Singh Ji served our nation diligently, first as a soldier and later during his long association with politics. During Atal Ji’s Government, he handled crucial portfolios and left a strong mark in the worlds of finance, defence and external affairs. Saddened by his demise.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2020
जसवंत सिंह जब विदेशमंत्री थे तभी 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट नंबर IC-814 को आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था जिसे छुड़ाने के लिए तीन आतंकवादियों को छोड़ना पड़ा था. छोड़े गए आतंकवादियों में मुश्ताक अहमद जरगर, मौलाना मसूद अजहर और उमर सईद शेख शामिल था. 1998 में परमाणु परीक्षण और 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भी उनकी अहम भूमिका रही थी.
जसवंत सिंह को बीजेपी ने 2012 में उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन वो चुनाव नहीं जीत सके. 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में वो उम्मीदवारी चाहते थें लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया इस कारण वो निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे लेकिन उनकी हार हुई.
जसवंत सिंह सेना में मेजर रहे थे. 1962 और 1965 की लड़ाई में शामिल हुए थे. के निधन पर देश के तमाम नेताओं ने गहरी संवेदना व्यक्त की है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शोक व्यक्त किया है.
Shri Jaswant Singh ji would be remembered for his intellectual capabilities and stellar record in service to the nation. He also played a key role in strengthening the BJP in Rajasthan. Condolences to his family and supporters in this sad hour. Om Shanti.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 27, 2020
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