सरोकार की पत्रकारिता करने के साथ साथ सक्रिय राजनीति में प्रवेश पाने वाले हरिवंश नारायण सिंह 2014 में पहली बार राज्यसभा सांसद बने. जन सरोकार से जुड़े मुद्दों को उठाने वाले हरिवंश नारायण सिंह देश के नामी पत्रकारों में शुमार थे. हरिवंश का जन्म जयप्रकाश नारायण के गांव सिताब दियारा में हुआ. वह शुरू से ही समाजवादी विचारधारा वाले व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे. अपनी पढ़ाई के दौरान ही वो जेपी आंदोलन से जुड़ गए थे.
उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए और पत्रकारिता में डिप्लोमा की पढ़ाई की. पढ़ाई के दौरान ही वो मुंबई में 'टाइम्स ऑफ इंडिया’ समूह से जुड़ गए और वहीं काम करते रहे. वह टाइम्स समूह की साप्ताहिक पत्रिका 'धर्मयुग’ में 1981 तक उपसंपादक रहे. इसके बाद हरिवंश ने 1981-84 तक हैदराबाद और पटना में बैंक ऑफ इंडिया में भी नौकरी की.
1984 में उन्होंने पत्रकारिता में फिर से वापसी की और 1989 तक आनंद बाजार पत्रिका समूह से प्रकाशित 'रविवार साप्ताहिक पत्रिका में सहायक संपादक के पद पर अपनी सेवा देते रहे. हरिवंश ने करीब चार दशक तक पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना योगदान दिया. हरिवंश 1989 में हिंदी समाचार पत्र प्रभात खबर से जुड़े. यह समाचार पत्र बिहार के चारा घोटाला सहित कई बड़े हाईप्रोफ़ाइल घोटालों की जांच के लिए जाना जाता है.
हरिवंश ने कई पुस्तकें लिखी और संपादित की हैं. इनमें 'दिसुम मुक्तगाथा और सृजन के सपने, 'जोहार झारखंड, 'झारखंड अस्मिता के आयाम, 'झारखंड सुशासन अभी भी संभावना है, 'बिहार रास्ते की तलाश' शामिल हैं.
हरिवंश ने 90 के दशक में कुछ महीनों के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के अतिरिक्त सूचना सलाहकार भी रहे. हरिवंश को बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता है. 2014 में जेडीयू ने उन्हें राज्यसभा भेजा और 2018 में राज्यसभा के उपसभापति चुने गए. इस साल उनका कार्यकाल पूरा हो गया था और अब दोबारा वो उसी पद के लिए मैदान में उतरे और एक बार फिर अपने नाम जीत दर्ज की.
हरिवंश नारायण सिंह ने लगातार दूसरी बार राज्यसभा में उपसभापति के पद पर कब्जा जमा लिया. हरिवंश का सामना विपक्ष की ओर से आरजेडी उम्मीदवार और सांसद मनोज झा से था. उपसभापति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई तो जेपी नड्डा, नरेंद्र तोमर और नरेश गुजराल ने हरिवंश के समर्थन में प्रस्ताव रखा. जबकि कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, गुलाम नबी आजाद, त्रिची शिवा ने मनोज झा के समर्थन में प्रस्ताव रखा. जेडीयू की तरफ से राज्यसभा सदस्य हरिवंश और आरजेडी नेता मनोज झा के बीच हुए इस मुकाबले को आगामी बिहार चुनाव से पहले दिलचस्पी से देखा जा रहा है.
हरिवंश के फिर से उपसभापति चुने जाने पर पीएम मोदी ने उन्हें बधाई दी. पीएम मोदी ने कहा हरिवंश जेपी के गांव से आते हैं और जेपी की विचारधारा से प्रभावित हैं. हरिवंश सभी पक्षों से संबंधित रहे हैं. उन्होंने निष्पक्ष तरीके से कार्यवाही का संचालन किया है. वह एक शानदार अंपायर रहे हैं और आने वाले समय में भी ऐसा ही रहेगा. वह हमेशा अपने कर्तव्यों को निभाने में मेहनती रहे हैं.
हरिवंश के उपसभापति चुने जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण
आपको बता दें एनडीए की ओर से जेडीयू सांसद हरिवंश सिंह ने पिछले हफ्ते बुधवार को अपना नामांकन दाखिल किया था, जबकि मनोज झा ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया.
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