पंजाब की रोपड़ जेल में बंद यूपी के माफिया डॉन और बहुजन समाज पार्टी के विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को डिप्रेशन हो गया है और वह कई अन्य तरह की बीमारियों से जूझ रहा है. बिगड़ती तबीयत की वजह से डॉक्टरों ने उसे तीन महीने तक आराम करने की सलाह दी है. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. आपको बता दें कि मंगलवार को उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्तार अंसारी को लेने के लिए पंजाब गई थी, जहां वो जेल में बंद है. दरअसल, उसके खिलाफ दर्ज एक मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट में 21 अक्टूबर को उसकी पेशी होनी है. इसी के लिए यूपी पुलिस उसे वापस लाने गई थी, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देकर उसने आने से मना कर दिया.
मुख्तार अंसारी पिछले 22 महीनों से पंजाब की अलग-अलग जेलों में बंद है. दरअसल, गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर शस्त्र लाइसेंस लेने का मामला दर्ज है. इसी सिलसिले में पेशी के लिए यूपी पुलिस माफिया डॉन को लेने पंजाब गई थी, लेकिन उसे बैरंग लौटना पड़ा. मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर अंसारी यूपी आने से फिर बच गया.
आपको बता दें कि इससे पहले यूपी पुलिस तीन बार अंसारी को वापस लाने की कोशिश कर चुकी है, लेकिन माफिया डॉन हर बार कोई न कोई बहाना बना लेता है. इस बार जब यूपी पुलिस कोर्ट के ऑर्डर के साथ पंजाब पहुंची तो अंसारी ने अपना मेडिकल सर्टिफिकेट थमा दिया, जिसमें उसे तीन महीने तक बेड रेस्ट करने की सलाह दी गई है. इस हिसाब से अंसारी को अब तीन महीने तक पुलिस वापस लेने नहीं जा सकेगी.
योगी सरकार जेल में बंद माफिया डॉन और उसके साम्राज्य पर पिछले कुछ समय से नकेल कस रही है. मुख्तार अंसारी के परिवार और यूपी के विभिन्न जिलों में रह रहे उसके गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. यही नहीं अंसारी द्वारा गैर-कानूनी तरीके से हथियाई गई संपति को ढहा दिय गया और उसके गुर्गों के हथियार लाइसेंस भी रद्द कर दिए गए.
पुलिस के मुताबिक 2001 में इजराइल, अनवर, सलीम और मोहम्मद शाह आलम नाम के चार शख्स मुख्तार अंसारी के सुझाव पत्र के आधार पर हथियार बरामद करने में सफल रहे थे. हथियरों के लिए आवेदन पत्र में फर्जी पता लिखा गया था.
कुछ सालों बाद आलम गाजीपुर में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया, जबकि बाकि आरोपी अब भी फरार हैं.
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