जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज (G.B.Pant Government Engineering College) में नए शैक्षणिक सत्र में प्रथम वर्ष में एडमिशन बंद किए जाने के खिलाफ छात्र ABVP के नेतृत्व में सीएम केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्र मंगलवार से अनिश्चितकालीन भूख अड़ताल पर बैठे गए.
छात्रों के मन में बस यही सवाल है कि क्या आईपी यूनिवर्सिटी (IP University) से मान्यता प्राप्त जीबी पंत गवर्नमेंट कॉलेज बंद होने जा रहा है? और इसी के जवाब के लिए छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं.
छात्रों ने Career16plus को बताया, ''इस साल काउंसलिंग की लिस्ट में इस कॉलेज का नाम शामिल नहीं किया गया है. हमें पता चला है कि सरकार इस कॉलेज को बंद करने की तैयारी में है. जीबी पंत दिल्ली का एकलौता कॉलेज है जिसकी इंजीनियरिंग की फीस बेहद कम हैं. यहां 40 हजार रुपये साल की फीस पड़ती है. अगर यह कॉलेज बंद हुआ तो हमारा क्या होगा?''
छात्र पूरी रात केजरीवाल के आवास के बाहर भूख अड़ताल पर बैठे रहे. छात्र ट्विटर पर #savegbpec हैशटैग के साथ मुहीम चला रहे हैं.
Help for GBPEC #savegbpec @rjraunac @rjstutee @mymalishka @RjMitte @DUSUofficial @abvpjnu @ABVPVoice @ABVPDelhi @SonuSood @ravishndtv
— Ayush Gupta (@Ayush76738945) November 2, 2020
We are on Hunger strike 2 nov 2020 whole night outside CM house civil lines, waiting @ArvindKejriwal for answer the question IPU counselling. pic.twitter.com/8uGxjppXlF
इससे पहले छात्रों ने दिल्ली के डिप्टी सीए मनीष सिसोदिया के आवास का घिराफ किया था. उस दौरान उन्हें आश्वासन दिया गया कि एडमिशन बंद नहीं होंगे, लेकिन जब काउंसलिंग के लिए लिस्ट आई तो कॉलेज का नाम लिस्ट में नहीं था, जिसके बाद छात्रों ने भूख अड़ताल का फैसला किया..
एबीवीपी का कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री मांगों को नहीं सुनते तथा जीबी पंत कॉलेज में दाखिले की प्रक्रिया बहाल नहीं करते तब तक छात्र सड़कों पर बैठे रहेंगे.
एक छात्र अमन कहते हैं, ''अगर एडमिशन रुके तो हर साल बच्चे कम होते जाएंगे, इस वजह से छात्रों का शैक्षणिक विकास नहीं हो पाएगा और इससे अच्छी प्लेसमेंट नहीं हो पाएगी.''
छात्रों की मांग है कि इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के निहित जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रथम वर्ष की एडमिशन की प्रक्रिया पुनः बहाल की जाए एवं कॉलेज को बंद करने का निर्णय वापस लिया जाए. दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों में की गई फीस वृद्धि को वापस लिया जाए.
छात्रों के समर्थन में उतरे पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल ने छात्रों का समर्थन किया. गोयल छात्रों के धरने में शामिल हुए. गोयल ने कहा, ''गुरू गोविंद सिंह (आइपीयू) ने बताया कि जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज में इस साल प्रथम वर्ष के दाखिले नहीं हो रहे हैं जिससे 210 छात्र इंजीनियरिंग शिक्षा से वंचित होंगे. यह कॉलेज 2007 में खुला था, तब से इसमें केवल 40,000 रुपये फीस है, जबकि अन्य कॉलेजों में फीस लाखों रुपये में है. इसको बंद करने से निम्न व मध्यम वर्ग के विद्यार्थियों को नुकसान होगा.''
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ''भूख हड़ताल पर बैठे जी बी पन्त इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को मेरा पूरा समर्थन है. केजरीवाल सरकार की छात्र विरोधी नीतियों से उच्च शिक्षा का बेड़ागर्क हो गया है. जब वह चुने गए थे, तो उन्होंने 20 नए कॉलेज खोलने की बात की थी। पिछले पांच सालों में उन्होंने एक भी कॉलेज नहीं खोला.''
भूख हड़ताल पर बैठे जी बी पन्त इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को मेरा पूरा समर्थन है।
— Vijay Goel (@VijayGoelBJP) November 3, 2020
केजरीवाल सरकार की छात्र विरोधी नीतियों से उच्च शिक्षा का बेड़ागर्क हो गया है। जब वह चुने गए थे, तो उन्होंने 20 नए कॉलेज खोलने की बात की थी। पिछले पांच सालों में उन्होंने एक भी कॉलेज नहीं खोला। pic.twitter.com/ZjYLOQC1lV
526 करोड़ की लागत से बनना है एकीकृत कैंपस
छात्र कहते हैं, ''पिछले साल हमें कॉलेज के लिए एक एकीकृत कैंपस का वादा किया गया, जिसे 526 करोड़ की लागत से बनाया जाना था, लेकिन कहा जा रहा है कि सरकार हमें NSUT या कौशल और उद्यमिता विश्वविद्यालय में विलय करने की योजना बना रही हैं. जब हमने कुछ लिखित प्रमाण मांगे तो उन्होंने हमें कुछ भी देने से इनकार कर दिया.
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