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सरकार को 200 में तो बाजार में 1000 रुपये में मिलेगी सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड

Fauzia

नई द‍िल्‍ली 12 Jan, 2021 08:24 pm

देश भर में 16 जनवरी से कोरोना टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. इस सिलसिले में वैक्सीन की सप्लाई शुरू हो गई है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने बताया कि सरकार को दी जाने वाली कोवीशील्‍ड (Covishield) पहली डोज़ की खेप में 100 मिलिन डोज दी जा रही हैं और एक डोज़ की कीमत 200 रुपये है. इसके बाद प्राइवेट बाजार में भी ये डोज़ पहुंचाई जाएगी, लेकिन खुले बाजार में एक डोज़ की कीमत 1000 रुपये होगी. 

अदार पूनावाला ने कहा कि सरकार की अपील पर 10 करोड़ डोज 200 रुपये  प्रति डोज की विशेष कीमत पर दी गई है ताकि आम लोगों, जरूरतमंद, गरीब, स्वास्थ्यकर्मियों की मदद की जा सके. 

अदार पूनावाला के मुताबिक, "पहली 10 करोड़ डोज के लिए हमने कोई मुनाफा नहीं लेने का फैसला किया है. हम देश और सरकार की मदद करना चाहते हैं. इसके बाद सरकार को टीके की लागत कीमत 200 रुपये से कुछ ज्यादा देनी होगी."

पूनावाला ने यह भी कहा कि बहुत सारे देश भारत और PMO से सिफारिश कर रहे हैं कि सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन उनके देशों में भी सप्लाई की जाए. उन्‍होंने कहा, "हम साउथ अफ्रीका और साउथ अमेरिका में वैक्सीन सप्लाई करने की कोशिश कर रहे हैं. हम हर महीने 7 से 8 करोड़ डोज तैयार करेंगे. भारत और विदेशों में इनमें से कितनी डोज दी जाएंगी, इस योजना पर काम चल रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने योजना बनाई है."

बताया यह भी जा रहा है कि COVAX समझौते के तहत सीरम इंस्टीट्यूट 200 मिलियन वैक्सीन सप्लाई करने की तैयारी में है, जिसमें  COVISHEILD 67 देशों में और NOVAVAX 92 देशों में सप्लाई की जाएगी. 

सूत्रों के हवाले से खबर है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया वैक्सीन के प्री क्वॉलिफिकेशन के दस्तावेज और डेटा WHO को देने की प्रक्रिया में है, जिससे WHO की तरफ से भी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन को मंजूरी मिल सके. 

आपको बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका के कोरोना टीके कोविशील्ड का उत्पादन करने की जिम्मेदारी दी गई है. इसके लिए उसे बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और गावी वैक्‍सीन एलायंस की ओर से 300 मिलियन यूएस डॉलर की मदद दी गई है. गौरतलब है कि बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और गावी वैक्सीन एलायंस, कोवैक्स एलायंस WHO की तरफ से शुरू किया गया है, जिसका मकसद 192 देशों को कम दाम पर वैक्सीन मुहैया कराना है. 

अदार पूनावाला ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट में बनाई जाने वाली वैक्सीन का आधा हिस्सा भारत के लिए रिजर्व रखा गया है.  आपको बता दें कि 

कोवीशील्ड के दो डोज 28 दिन के टाइम पीरियड में लगाए जाएंगे. कोवीशील्ड के ट्रायल के दौरान जो नतीजे आए हैं, उनके मुताबिक इसका हाफ डोज दिया गया तो इफिकेसी 90% रही. एक महीने बाद फुल डोज में इफिकेसी 62% रही. दोनों तरह के डोज में औसत इफिकेसी 70% रही. दूसरा डोज देने के दो हफ्ते बाद शरीर में कोरोना से बचाने वाली एंटीबॉडी बन जाएंगी. ब्रिटिश रेगुलेटर्स ने इसे 80% तक इफेक्टिव माना है. खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भी वैक्सीन को पूरी तरह भरोसेमंद और किफायती बताया है.

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