देश में प्याज़ की बढ़ती क़ीमतों पर लगाम लगाने के लिए, केंद्र सरकार इसके बफ़र स्टॉक से प्याज़ खुले बाज़ार में जारी करेगी. इसके अलावा, सरकार ने दूसरे देशों से प्याज़ के आयात के नियमों में भी रियायत देने का एलान किया है. इसके लिए ईरान और मिस्र जैसे देशों में स्थित भारतीय दूतावासों को निर्देश दिए गए हैं कि वो प्याज़ ख़रीदने की व्यवस्था करें. ताकि, विदेश से प्याज़ की खेप जल्द से जल्द इंडिया पहुंच सके.
Govt to offload more onion from buffer stock in coming days to check prices: Statement
— Press Trust of India (@PTI_News) October 21, 2020
पिछले कई दिनों से देश में प्याज़ के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. देश में प्याज़ की सबसे बड़ी मंडी, महाराष्ट्र के लासलगांव में प्याज़ की थोक कीमत 6200 रुपए तक पहुंच गई थी. कहा जा रहा है कि प्याज़ का रिटेल रेट 100 रुपए किलो के भाव को भी पार कर सकता है.
Govt relaxes import norms for onion to boost domestic supply, check prices: Statement
— Press Trust of India (@PTI_News) October 21, 2020
हालात को देखते हुए ही सरकार ने 14 सितंबर को प्याज़ के आयात पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद प्याज़ की क़ीमत में गिरावट आई थी. लेकिन, पिछले दिनों महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में भारी बारिश के चलते प्याज़ की फसल ख़राब हो गई. इसी वजह से इसके दाम लगातार बढ़ रहे हैं. सरकार ने प्याज़ की क़ीमत में अचानक आई तेज़ी से निपटने के लिए बफ़र स्टॉक बनाया हुआ है. इस प्याज़ को धीरे धीरे बाज़ार में उतारा जा रहा है. और सफल, केंद्रीय भंडार वग़ैरह के माध्यम से बेचा जा रहा है. राज्य सरकारों को भी प्याज़ बेचने के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है.
उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही प्याज़ की ख़रीफ़ की फ़सल वाली खेप बाज़ार में पहुंचने लगेगी. जिसके बाद दामों में गिरावट आने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि ख़रीफ़ की फ़सल में 37 लाख मीट्रिक टन प्याज़ खुले बाज़ार में उतारी जाएगी.
अगस्त के महीने से ही प्याज़ के दाम में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. इस समय प्याज़ की क़ीमत पिछले साल इसी दौरान के दाम से काफ़ी अधिक है.
अभी पिछले महीने सरकार ने संसद से आवश्यक वस्तु अधिनियम (संशोधन) क़ानून 2020 पास कराया है. इस बदलाव के तहत, प्याज़, आलू, दालों, तेल और तेल के बीजों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से बाहर कर दिया गया है. जिसके बाद बाज़ार के दाम पर सरकार का नियंत्रण नहीं रह गया है.
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