श्रीराम की नगरी अयोध्या में आज रघुनंदन की वनवास से वापसी का पर्व मनाया गया. इस मौक़े पर पूरी अयोध्या नगरी दीपों से जगमग हो उठी. सरयू के तट पर साढ़े पांच लाख दीप जलाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया गया.
सैकड़ों सालों बाद पहली बार अयोध्या में श्रीराम जन्मस्थान पर भी हज़ारों दीप जलाए गए. इससे पहले राम जन्मभूमि का विवाद होने के कारण, रामलला के पास भव्य दीपोत्सव मनाने की राह में क़ानूनी बाधा रहती थी. लेकिन, पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि को रामलला को सौंप दिया था. और इस साल राम जन्मभूमि पर विशाल मंदिर बनाने का भूमि पूजन किया गया था. उसके बाद अयोध्या में पहली बार दीपोत्सव मनाया जा रहा था.
असंख्य दीपों का यह पावन प्रकाश जिस प्रकार अंधकार का हरण कर पूरी धरा को प्रफुल्लित कर रहा है, प्रभु श्री राम से कामना है कि उसी प्रकार आज दीपोत्सव की दिव्य आभा, समस्त प्राणियों के दुःखों का हरण कर, हम सभी के जीवन को सुख, सौहार्द, ज्ञान एवं आनंद के आलोक से अ https://t.co/QDsjYG0RtD
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 13, 2020
कोरोना काल के कारण इस बार भक्तों को सीमित संख्या में ही कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति दी गई थी. सरयू तट पर राम की पैड़ी को लाखों दीपों से सजाया गया था. इस बार सजावट का काम कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्रों ने अपने ज़िम्मे लिया हुआ था.
दीपोत्सव के लिए अयोध्या के कनक मंदिर और हनुमान गढ़ी मंदिरों को भी सजाया गया था. इस मौक़े पर राम लला की भी विशेष साज सज्जा की गई थी.
सरयू तट पर भगवान राम के दरबार सरीखा मंच बनाया गया था. जिसमें पहली बार वर्चुअल दीपोत्सव की झांकी देखने को मिली. इसके बाद राम की पैड़ी पर लेज़र के ज़रिए रामलीला का मंचन किया गया.
दीपोत्सव में यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य के अलावा कई और मंत्री शामिल हुए थे.
इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण का सपना पूरा करने के लिए वो पीएम नरेंद्र मोदी के आभारी है. उन्होंने कहा कि कई पीढ़ियों से लोगों का सपना था कि वो भगवान राम के मंंदिर का निर्माण अपनी आँखों से देख ले लेकिन ये कार्य पीएम नरेंद्र मोदी के कारण ही सफल हो सका है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी श्रद्धालुओं, भक्तोंं और प्रदेशवासियों की तरफ से वो पीएम मोदी का अभिनन्दन करते हैं. उन्होंने कहा कि इस साल 5 लाख 51 हजार दिए जलाये गए हैं अगले साल ये संख्या 7 लाख 51 हजार होगी.
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