बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, पुलिस महानिदेशक पद से इस्तीफ़ा देंगे. उनके एनडीए के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना है. गुप्तेश्वार पांडेय ने पहले भी चुनाव लड़ने के लिए पुलिस की नौकरी से वॉलंटरी रिटायरमेंट लिया था. हालांकि, उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं मिला था. जिसके बाद बिहार सरकार ने गुप्तेश्वर पांडेय को दोबारा उनके पद पर बहाल कर दिया था. एक्टर सुशांत सिंह राजपूत केस में गुप्तेश्वर पांडेय काफ़ी मुखर होकर बोलते रहे हैं.
DGP गुप्तेश्वर पांडेय को नियमों छूट देते हुए उनके VRS की मंजूरी दे दी गई है. इससे यह उम्मीद की जा रही है कि इससे अब उनके चुनाव लड़ने में कोई अड़चन नहीं आएगी. @ips_gupteshwar @NitishKumar #BiharElections2020 pic.twitter.com/JHpCSSUmwl
— The Last Breaking (@thelastbreaking) September 22, 2020
एक बार उन्होंने यहां तक कह दिया था कि रिया चक्रवर्ती की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में टिप्पणी करने की औक़ात नहीं है. इस पर काफ़ी हंगामा होने के बाद गुप्तेश्वर पांडेय ने अपने बयान को लेकर अफ़सोस जताया था.
1987 बैच के IPS अफ़सर गुप्तेश्वर पांडेय का जन्म बिहार के बक्सर ज़िले के छोटे से गांव गेरुआ में 1961 में हुआ था. 12वीं क्लास फ़र्स्ट डिवीज़न से पास करने के बाद गुप्तेश्वर पांडेय ने पटना यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी. 1986 में वो IRS अधिकारी बन गए थे. लेकिन, वो इस नौकरी से संतुष्ट नहीं थे. इसलिए गुप्तेश्वर पांडेय ने दोबारा UPSC की परीक्षा दी और IPS चुने गए.
क़रीब 33 साल की पुलिस सर्विस में गुप्तेश्वर पाण्डेय एएसपी, एसपी, एसएसपी, डीआइजी, आइजी, एडीजी के रूप में बिहार के 26 जिलों में काम कर चुके हैं. जब वर्ष 2015 में नीतीश सरकार ने बिहार में शराबबंदी का एलान किया. तब गुप्तेश्वर पांडेय ने राज्य के कई इलाक़ों का दौरा करके लोगों को शराबबंदी के फ़ायदे समझाने की कोशिश की थी. उन्हें पिछले जनवरी में ही बिहार का डीजीपी नियुक्त किया गया था.
गुप्तेश्वर पांडेय को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का प्रिय पुलिस अधिकारी माना जाता है. और इस बात के संकेत काफ़ी समय से मिल रहे थे कि रिटायरमेंट के बाद वो राजनीति के मैदान में उतर सकते हैं. लेकिन, अब गुप्तेश्वर पांडेय ने इस्तीफ़ा देकर, चुनाव लड़ने का मन बना लिया है.
TOP NEWS OF THE DAY: दिनभर की बड़ी खबरें सिर्फ 7 मिनट में
Leave Your Comment