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हरिवंश दूसरी बार राज्यसभा में उपसभापति चुने गए

KRJ Kundan

नई दिल्‍ली 14 Sep, 2020 07:02 pm

जनता दल यूनाइटेड के हरिवंश नारायण सिंह लगातार दूसरी बार राज्यसभा में उपसभापति चुने गए हैं. राज्यसभा में एनडीए के उम्मीदवार का मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार मनोज झा से था. ध्वनि मत से हुए मतदान में हरिवंश ने जीत हासिल की. बीजेपी के जेपी नड्डा ने हरिवंश को उपसभापति बनाने का प्रस्ताव पेश किया तो विपक्ष की ओर से गुलाम नबी आजाद ने मनोज झा के नाम का प्रस्ताव रखा गया था. पत्रकारिता से राजनीति में कदम रखने वाले हरिवंश लगातार दूसरी बार राज्यसभा के उपसभापति बने हैं. 

हरिवंश का जन्म 30 जून 1956 को बलिया जिले के सिताबदियारा गांव में हुआ था. हरिवंश जेपी आंदोलन से खासे प्रभावित रहे हैं. उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए और पत्रकारिता में डिप्लोमा की पढ़ाई की और अपने कैरियर की शुरुआत टाइम्स समूह के साथ की थी. टाइम्स समूह की साप्ताहिक पत्रिका 'धर्मयुग' में 1981 तक उपसंपादक रहे थे. 1981-84 तक हैदराबाद एवं पटना में बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी की. 1984 में इन्होंने पत्रकारिता में वापसी की और 1989 अक्टूबर तक 'आनंद बाजार पत्रिका' समूह से प्रकाशित 'रविवार' साप्ताहिक पत्रिका में सहायक संपादक रहे. हरिवंश ने वर्ष 1990-91 के कुछ महीनों तक तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के अतिरिक्त सूचना सलाहकार (संयुक्त सचिव) के रूप में प्रधानमंत्री कार्यालय में भी काम किया. 

90 के दशक में हरिवंश बिहार के एक बड़े मीडिया समूह प्रभात खबर के साथ जुड़े, जहां पर उन्होंने दो दशक से ज़्यादा वक़्त तक काम किया. अपने कार्यकाल के दौरान हरिवंश ने बिहार से जुड़े गंभीर विषयों को प्रमुखता से उठाया. उनकी पत्रकारिता को आज भी एक मापदंड के रूप में देखा जाता है. हरिवंश वर्ल्ड एडीटर्स फोरम (डब्लूइएफ), एडीटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, एशियाई विकास शोध संस्थान (आद्री), राष्ट्रमंडल मानवाधिकार पहल (सीएचआरआई) जैसी कई महत्वपूर्ण संस्थाओं के सदस्य भी रहे हैं.

बिहार में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद से उन्हें उनका करीबी माना जाता रहा है. 2010 के बाद वो जदयू में शामिल हो गये. बाद हरिवंश को जेडीयू का महासचिव बना दिया गया. साल 2014 में जेडीयू ने हरिवंश को राज्यसभा के लिए नामांकित किया और इस तरह से हरिवंश पहली बार संसद तक पहुंचे. साल 2018 में तात्कालिन उपसभापतिपल्लथ जोसेफ "पी जे" कुरियन के निधन के बाद. हरिवंश को एनडीए की तरफ से उपसभापति के पद के लिए पहली बार प्रत्याशी बनाया गया. हरिवंश ने विपक्ष के उम्मीदवार बी.के. हरिप्रसाद को 20 वोटों से हरा दिया था. लगातार दूसरी बार एक वो उपसभापति बने हैं.

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