अमेरिकी साइंटिस्ट हार्वे जे अल्टर (Harvey J Alter) और चार्ल्स एम राइस (Charles M Rice) व ब्रिटिश साइंटिस्ट माइकल हॉगटन (Michael Houghton) को साल 2020 के लिए मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. इन तीनों वैज्ञानिकों को हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C) वायरस की खोज के लिए चिकित्सा के नोबोल पुरस्कार से नवाजा गया.
नोबेल कमेटी के प्रमुख थॉमस पर्लमैन ने स्टॉकहोम से विजेताओं के नामों की घोषणा की.
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— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 5, 2020
The 2020 #NobelPrize in Physiology or Medicine has been awarded jointly to Harvey J. Alter, Michael Houghton and Charles M. Rice “for the discovery of Hepatitis C virus.” pic.twitter.com/MDHPmbiFmS
दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार के तहत गोल्ड मेडल और प्राइज मनी के तौर पर 10 मिलियन स्वीडिश क्रॉनर यानी कि 1,118,000 से ज्यादा अमेरिकी डॉलर प्रदान किए जाते हैं. आपको बता दें कि यह पुरस्कार स्वीडन के अन्वेषक अल्फ्रेड नोबल की याद में दिया जाता है. उन्होंने ही 124 साल पहले एक फंड का निर्माण किया था. इसी फंड से दुनिया भर की अहम खोजों के लिए हर साल यह पुरस्कार दिया जाता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि दुनिया भर में हर साल हेपेटाइटिस के 70 करोड़ से भी ज्यादा मामले सामने आते हैं, जबकि इसके चलते करीब 4 लाख लोगों की मौत हो जाती है. यह क्रॉनिक यानी कि मनुष्य के शरीर में बेहद लंबे समय तक रहने वाली बीमारियों में से एक है. यह लीवर से जुड़ी बीमारियों और कैंसर के प्रमुख कारणों में से एक है.
इस बार कोरोनावायरस महामारी के चलते मेडिसन के क्षेत्र में दिए जाने वाले इस अवॉर्ड का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है. कोरोना ने दुनिया को चेताया है कि वैश्विक समाज और अर्थव्यवस्थाओं के लिए मेडिकल रिसर्च की महत्ता सबसे ज्यादा है.
आपको बत दें कि नोबेल कमेटी हर साल 6 अगल-अलक कैटगरी में विजेताओं की घोषणा करती है, जिनमें फिजिक्स, केमिस्ट्री, साहित्य, शांति, मडिसन और अर्थव्यवस्था प्रमुख हैं. इस बार 12 अक्टूबर तक इन क्षेत्रों के विेजेताओ की घोषणा कर दी जाएगी.
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