यूपी के हाथरस केस में सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बैंच ने सुनवाई के दौरान यूपी के एडीजी से तीखे सवाल किए और उन्हें फटकार लगाई. हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद बाहर आईं पीड़ित परिवार की वकील सीमा कुशवाहा ने जानकारी दी कि एडजीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार से कोर्ट ने पूछा कि आपकी बेटी होती तो बिना देखे अंतिम संस्कार होने देते क्या? इस सवाल के जवाब में एडीजी के पास कहने को कुछ नहीं था.
सुनवाई के दौरान एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि एफएसएल की रिपोर्ट में सीमन नहीं आया है. इस पर कोर्ट ने कहा कि एडीजी को लॉ की परिभाषा पढ़नी चाहिए. यही नहीं पीड़ित परिवार की वकील ने एडीजी को रेप की परिभाषा भी पढ़ने की सलाह दी. वकील साहिबा ने एडीजी प्रशांत कुमार को बताया कि उनके पास तमाम रिपोर्ट हैं. बताया जा रहा है कि जब कोर्ट ने क्रॉस क्वेश्चन किए तो प्रशासनिक अधिकारियों के पास उनके जवाब नहीं थे.
सुनवाई के बाद पीड़ित परिवार की वकील ने मीडिया से बात करते हुए ये भी बताया कि जज साहेबान ने डीएम से यहां तक पूछा कि अगर किसी पैसे वाले की बेटी होती तो क्या तब भी आप ऐसा करने की हिम्मत कर सकते थे? इन सभी सवालों पर कोर्ट में मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने चुप्पी साधे रखी.
आपको बता दें हाथरस कांड में स्वत: ही संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने सुनवाई की है. कोर्ट ने सुवनाई के लिए यूपी के डीजीपी, अपर मुख्य सचिव (गृह) और हाथरस जिला प्रशासन के अफसरों को तलब किया था. कोर्ट ने पीड़िता के परिवार के सभी पांच लोगों को भी बुलाया था. कोर्ट में पीड़ित के परिवार ने कहा कि पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की और ना ही केस की ठीक तरह से जांच की गई.
पीडि़त परिवार ने कहा कि शुरु में तो हमारी एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई थी. फिर हमारी सहमति के बिना एवं हमें शव दिखाए बिना ही अंतिम संस्कार कर दिया. मुआवज़े के मामले पर पीड़िता की भाभी ने कोर्ट को बताया कि डीएम ने उनसे कहा था कि यदि आपकी लड़की कोरोना से मर जाती तो भी आप लोगों को इतना मुआवजा नहीं मिलता. पीड़ित के परिवार ने कहा कि हमें पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है.
कोर्ट ने पीड़ित परिवार के बयान दर्ज कर लिए हैं और अब अगली सुनवाई 2 नवंबर को की जाएगी. कोर्ट में सुनवाई के बाद पीड़ित परिवार की वकील काफी संतुष्ट नज़र आईं. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से कोर्ट में पीड़ित परिवार को सुना गया और जज साहिबान का जैसा रुख था उससे लगता है कि आगे सब बेहतर होगा और समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा.
वकील सीमा कुशवाहा ने 2 नवंबर को अगली सुनवाई से पहले कोर्ट में हलफनामा दायर करने की बात कही है और कहा कि इसमें वो सारी बातें बताएंगी, लेकिन इस संबंध में मीडिया से कोई बात नहीं करेंगी.
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