Hathras Gangrape: हाथरस मामलें में उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि हाथरस में हुई घटना में मृतक युवती की जीभ नहीं काटी गई थी. इतना ही नहीं एडीजी ने बताया है कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ है. माहौल ख़राब करने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त करवाई करेगी.
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा, "आज एक वीडियो सामने आया है, जिसमें मृतक युवती की जीभ दिख रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण गले में चोट बताया गया है. ऐसे में प्रदेश में जातीय तनाव पैदा करने के लिए काम किया गया. हाथरस में धारा 144 लगाई गई है इसलिए मीडिया को रोकना स्थानीय अधिकारियों का फैसला है. अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि किसी को भी कानून व्यवस्था तोड़ने की इजाजत नहीं दी जाए और लोगों की एंट्री पर रोक लगाई गई है."
एडीजी के मुताबिक, "मजिस्ट्रेट सहित तमाम अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और उस वक्त पीड़िता को तुरंत चिकित्सा सुविधा दिलाई गई थी, जहां स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. बाद में 25 तारीख़ को फोरेंसिक जांच के लिए सैम्पल लैब में भेजे गए. मुख्य आरोपी को 20 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था."
उन्होंने कहा, "रेप की बात पीड़िता ने पहली बार 22 सितंबर को बताई थी. उसके बयान के आधार पर मामला दर्ज किया गया. दिल्ली शिफ्ट करने के दूसरे दिन पीड़िता की मृत्यु हो गई. पोस्टमॉर्टम दिल्ली में कराया गया और शव हाथरस लाकर अंत्येष्टि की गई."
एडीजी ने कहा, "एफएसएल की रिपोर्ट से साफ है कि पीड़िता के साथ रेप नहीं हुआ है. गला दबाने के कारण मौत हुई थी और इस मामले में ऐसे लोगों की पहचान करके कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने जातीय हिंसा पैदा करने की कोशिश की. मुख्यमंत्री ने एसआईटी का गठन किया है और जिसकी भी गलती होगी उसे बख्शा नहीं जाएगा."
उन्होंने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट आने से पहले ही गलत बयानबाज़ी करके पुलिस को बदनाम करने की कोशिश की गई है. ऐसा करने वालों की पहचान की जाएगी. हाथरस मामले में मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है. इस मामले में शासन और पुलिस विभाग को बदनाम किया गया. जिन लोगों ने सरकार, शासन और पुलिस विभाग की छवि खराब करने की कोशिश की है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि हाथरस गैंगरेप मामले में यूपी सरकार की खासी किरकिरी हुई है. विपक्ष ने भी सरकार पर जमकर हमला बोला है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग के साथ ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात की है. आपको बता दें कि 2019 में क्राइम इन इंडिया के नक्शे में यूपी महिला अपराध में कनविक्शन कराने वाले राज्यों में नम्बर वन है.
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