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हाथरस कांड: यूपी सरकार ने SC में दायर किया हलफनामा, बताई रात में अंतिम संस्‍कार करने की असली वजह

Babita Pant

नई द‍िल्‍ली 06 Oct, 2020 04:40 pm

Hathras Gangrape Case: उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस में 19 वर्षीय मृतक दलित लड़की के साथ हुए कथित गैंगरेप के मामले में सु्प्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. इस हलफनामे में अदालत से मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने और कोर्ट द्वारा इसकी निगरानी किए जाने की मांग की है. इसी के साथ हलफनामे में यूपी सरकार ने बताया है कि संभावित दंगों के कारण प्रशासन ने पीड़िता के परिवार को रात में शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मना लिया था. इसके अलावा सरकार ने दावा किया है कि हाथरस मामले के बहाने राज्य में दंगा कराने की साजिश रची गई थी. आपको बता दें कि यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के नोटिस से पहले खुद ही इस मामले में हलफनामा दायर कर दिया है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बड़ा खुलासा किया है. हलफनामे में सरकार ने कहा है कि कानून-व्‍यवस्‍था बनाए रखने के लि 19 वर्षीय मृतक दलित लड़की का अंतिम सस्‍कार रात में किया गया. इसी के साथ यूपी सरकार ने विपक्षी पार्टियों और सिविल सोसाइटी संगठनों पर इस मामले को लेकर जातीय दंगा फैलाने का आरोप लगाया है.

यूपी सरकार द्वारा दायर इस हलफनामे के मुताबिक, "जिला प्रशासन ने परिवार की सहमति के बाद पीड़िता का अंतिम संस्‍कार रात में इसलिए किया ताकि अगली सुबह होने वाली बड़ी हिंसा को रोका जा सके. पीड़ित मृतक लड़की का पोस्‍टमॉर्टम पहले ही दिल्‍ली के सफदरजंग अस्‍पताल में हो चुका था, ऐसे में अंतिम संस्‍कार करने में किसी की बदनियत नहीं हो सकती, सिवाए इसके कि कुछ निहित स्‍वार्थों के लिए सुनियोजित जातिगत विभाजन के बाद राजनीतिक हिंसक परिस्थितियों को रोकना ही इसका मकसद था."

इस हलफनामे में प्रिंट, इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया और कुछ राजनीतिक पार्टियों द्वारा जान-बूझकर जनता को बरगलाने और राज्‍य में जातिगत तनाव फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर अनैतिक प्रॉपगैंडा चलाने का आरोप लगाया है.

हाथरस गैंगरेप के अलावा यूपी सरकार ने जातिगत तनाव फैलाने, हिंसा भड़काने और मीडिया व राजनीतिक पार्टियों के एक वर्ग द्वारा तथाकथित आपराधिक षड्यंत्र रचने को लेकर भी सीबीआई जांच की मांग की है.

यूपी सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है, "सच तक पहुंचने के लिए यूपी सरकार स्‍वतंत्र और निष्‍पक्ष जांच के प्रति प्रतिबद्ध है. राज्‍य सरकार चाहती है कि अदालत सीबीआई को मामले की जांच और जातिगत तनाव फैलाने, हिंसा भड़काने और मीडिया व राजनीतिक पार्टियों के एक वर्ग द्वारा तथाकथित आपराधिक षड्यंत्र रचने की जांच के निर्देश दे.

गौरतलब है कि 14 सितंबर को यूपी के हाथरस में अगढ़ी जाति के कुछ लोगों ने 20 साल की दलित लड़की के साथ तथाकथित रूप से गैंगरेप किया. शुरुआत में लड़की का इलाज अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज और अस्‍पताल में किया गया. इसके बाद उसे दिल्‍ली के सफदरजंग अस्‍पताल ले जाया गया, जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. आरोप है कि हाथरस पुलिस ने आनन-फानन में परिवार की मंजूरी लिए बिना ढाई बजे रात को ही पीड़ित लड़की का अंतिम संस्‍कार कर दिया.  

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