असम में बीजेपी के वरिष्ठ नेता हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. इससे पहले रविवार को उन्हें कई दौर की बैठकों के बाद विधायक दल का नेता चुना गया था. खुद पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा था.
With blessings & grace of people of Assam, I took over as Chief Minister of the state today.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 10, 2021
Taking Assam to greater heights of prosperity and making it as among the leading states, pursuing the ideals and values of Adarniya Pradhan Mantri Sri @narendramodi, is our pledge. pic.twitter.com/fhJERouAVL
कभी कांग्रेस में रहते हुए असम का मुख्यमंत्री बनने में सफल न होने वाले हेमंत बिस्वा सरमा का सपना आखिरकार बीजेपी में पूरा हो गया है. बीजेपी विधायक दल की रविवार को हुई बैठक में नेता चुने जाने के बाद वह सोमवार को उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई. कांग्रेस से बीजेपी में आकर पूर्वोत्तर के राज्य में मुख्यमंत्री बनने वाले वह तीसरे नेता हैं. पूर्वोत्तर के ही बीजेपी शासित राज्य मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश की कमान संभालने वाले मुख्यमंत्री भी पहले कांग्रेस में रह चुके हैं.
आपको बता दें कि हेमंत बिस्वा सरमा ने जुलाई 2014 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी का दामन थामा था. तब वह कांग्रेस सरकार में शिक्षा मंत्री थे और मुख्यमंत्री बनना चाहते थे. उनके साथ करीब 38 विधायक भी थे. लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने उनकी मांग नजरअंदाज कर दिया था. तब हेमंत बिस्व सरमा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी में शामिल हुए थे.
साल 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद तो वह मुख्यमंत्री बनने में सफल नहीं हुए, लेकिन इस बार 2021 के विधानसभा चुनाव में उनकी मेहनत को देखते हुए पार्टी ने निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की जगह उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया.
बीजेपी शासित राज्य मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह भी कांग्रेस में रह चुके हैं. साल 2002 में डेमोक्रेटिक रिवोल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी (DRPP) उम्मीदवार के तौर पर पहला विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बीरेन सिंह मंत्री बने. साल 2007 में वह कांग्रेस के टिकट पर जीते और फिर सरकार में मंत्री बने.
अक्टूबर, 2016 में बीरेन सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के खिलाफ बगावत करते हुए मणिपुर विधानसभा और कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए थे. 17 अक्टूबर, 2016 को बीजेपी में शामिल होने पर बीरेन सिंह को पार्टी प्रवक्ता और इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी का सहसंयोजक बनाया गया. 15 मार्च 2017 को वह अरुणाचल में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री बने.
अरुणाचल प्रदेश के 41 वर्षीय युवा मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी कांग्रेस में रह चुके हैं. 2010 में कांग्रेस के तवांग जिलाध्यक्ष पद से करियर शुरू करने वाले पेमा खांडू, साल 2011 में पिता की सीट मुक्तों से निर्विरोध विधानसभा चुनाव जीते थे. कांग्रेस सरकार में 37 वर्ष की उम्र में 17 जुलाई 2016 को खांडू ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. नाराजगी के बाद 16 सितंबर 2016 को पेमा खांडू पार्टी के 43 विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल में शामिल हो गए और बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार बनाई.
पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल ने खांडू के खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो 31 दिसंबर 2016 को वह पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल के 33 विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और सरकार बनाई. 2019 में हुए अरुणाचल प्रदेश विधानसभा की 60 सीटों पर हुए चुनाव में बहुमत हासिल करते हुए 41 सीटों पर जीत दर्ज की, जिसके बाद फिर पेमा खांडू मुख्यमंत्री बने.
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