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राजस्थान: संस्कृत शिक्षा विभाग में खाली पड़े हैं सैकड़ों पद, फिर भी वेटिंग लिस्ट जारी कर नियुक्ति नहीं दे रही सरकार

Archit Gupta

जयपुर 25 Sep, 2020 02:05 pm

राजस्थान में कई भर्तियां अटकी हुई हैं, जिनके कारण लाखों युवा रोजगार से वंचित हैं. जहां एक और देश में संस्कृत को बढ़ावा देने की बात हो रही है वहीं दूसरी ओर राजस्थान में संस्कृत के शिक्षक नियुक्ति के लिए भटक रहे हैं. राजस्थान के संस्कृत शिक्षा विभाग में कई पद खाली पड़े हुए हैं इसके बावजूद सरकार इन पदों पर वेटिंग लिस्ट जारी कर नियुक्ति नहीं कर रही है. संस्कृत शिक्षा विभाग ने तृतीय श्रेणी अध्यापक लेवल द्वितीय सीधी भर्ती गणित विज्ञान विषय 2017 का विज्ञापन 6 फरवरी 2018 को जारी किया था. इसमें गैर अनुसूचित जाति क्षेत्र में विज्ञान व गणित विषय के 429 पदों पर भर्ती निकाली गई थी. संस्कृत शिक्षा में करीब 85 फीसदी पद खाली रह गए. 429 में से सिर्फ 360 पदों पर ही ज्वाइनिंग हुई. खाली पड़े पदों पर भर्ती के लिए वेटिंग लिस्ट जारी करने की मांग काफी समय से की जा रही है और इसके लिए उम्मीदवारों ने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था. जोधपुर हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देशित किया था कि 428 पदों को पूरा भरा जाए. लेकिन सरकार ने सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ डबल बेंच में अपील कर दी, जिसके कारण संस्कृत विभाग में खाली पड़े पद अब तक खाली ही रह गए हैं. 

राजस्थान बेरोजगार संघ के अध्यक्ष दीपेन्द्र शर्मा कहते हैं, ''राजस्थान हाई कोर्ट की जोधपुर बेंच द्वारा जो फैसला दिया गया है वह निसंदेह युवाओं और सरकार के पक्ष में है. संस्कृत शिक्षा विभाग में करीब 9 साल बाद में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ था लेकिन नियमों के चलते सरकार द्वारा रिक्त पदो की वेटिंग नहीं जारी की गई थी. सरकार के द्वारा रिक्त पदों को भरा जाता है तो निसंदेह इसमें संस्कृत शिक्षा में अध्यापकों की कमी दूर होगी और संस्कृत शिक्षा के प्राथमिक स्तर के बच्चों को गणित विज्ञान के अध्यापक मिलेंगे.''

पहले आश्वासन मिला, फिर ठेंगा 
17 जनवरी 2020 को विज्ञान और गणित के शिक्षकों ने संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ सुभाष गर्ग से मुलाकात कर खाली पड़े पदों को भरने का निवेदन किया. मंत्री जी ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि वे इस पर ध्यान देंगे, लेकिन खाली पडे़ पदों पर वेटिंग लिस्ट जारी कर उन्हें भरने की जगह सरकार ने सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ डबल बेंच में अपील कर दी. सरकार ने पहले तो आश्वासन दिया लेकिन फिर शिक्षकों को ठेंगा दिखा कर बेरोजगार बना दिया. 

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क्यों खाली रह गए थे पद?
जनवरी 2018 में 428 पदों पर विज्ञापन जारी किया गया था, लेकिन सामान्य शिक्षा का विज्ञान एवं गणित विषय को अलग-अलग करके मेरिट जारी करने हेतु विवाद हाईकोर्ट में लंबित था, इस कारण दिसंबर 2018 में इसकी मेरिट जारी करी गई थी. सूची जारी करने में संस्कृत विभाग ने देरी की थी, जबकि कोर्ट से निर्णय आने के बाद समान्य शिक्षा विभाग ने तुरंत चयनित उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी थी. दोनों विभागों में कट-ऑफ लगभग एक समान थी. ऐसे में अधिकतर उम्मीदवारों ने सामान्य शिक्षा में पदभार ग्रहण कर लिया जिसके कारण संस्कृत विभाग में बड़ी संख्या में पद खाली रह गए.

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