अगले वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 8.8 प्रतिशत की विकास दर को हासिल कर लेगी. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान लगाया है कि अगले साल तक भारत की अर्थव्यवस्था कोविड-19 की महामारी के प्रकोप से न सिर्फ़ उबर जाएगा. बल्कि, 8 प्रतिशत से भी ज़्यादा सालाना की दर से तरक़्क़ी भी करेगा.
For #emergingmarket and developing economies, growth is forecast at –3.3% in 2020, 0.2 percentage point weaker than in the June 2020 WEO Update, strengthening to 6% in 2021. Read the latest #WEO. https://t.co/XMCO1e58iW pic.twitter.com/4dsfMO2neO
— IMF (@IMFNews) October 13, 2020
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने आज विश्व अर्थव्यवस्था को लेकर अपने पूर्वानुमानों का एलान किया. IMF की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि अगले साल भारत की विकास दर चीन से भी ज़्यादा होगी. चीन की जीडीपी सालाना 8.2 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी. तो भारत की विकास दर 8.8 प्रतिशत के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है.
मुद्रा कोष ने आशंका जताई है कि भारत की अर्थव्यवस्था इस साल क़रीब दस प्रतिशत घटेगी. लगभग यही आशंका भारतीय रिज़र्व बैंक ने भी ज़ाहिर की थी. जब कुछ दिनों पहले रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने RBI की दूसरी तिमाही की मौद्रिक नीति का एलान किया था.
इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून के दौरान भारत की जीडीपी में लगभग 24 प्रतिशत की कमी आई थी. क्योंकि लॉकडाउन के दौरान देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ठप थी. जून महीने से भारत ने अनलॉक की प्रक्रिया की शुरुआत की है. जिसके बाद से तमाम ग्रोथ इंडिकेटर इस बात का इशारा कर रहे हैं, कि भारत की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है.
मुद्रा कोष के अनुमान के अनुसार इस साल अमेरिका, यूरोप और जापान जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर भी नेगेटिव ही रहेगी. हालांकि IMF का अनुमान है कि अगले साल अमेरिका की विकास दर 3 प्रतिशत से अधिक होगी. तो फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, ब्रिटेन और जापान की विकास दर भी पॉजिटिव होने का अनुमान है.
Growth in the #advancedeconomies group is projected at –5.8% in 2020, 2.3 percentage points stronger than in the June 2020 WEO Update reflecting better-than-foreseen #US and #euroarea GDP growth. Read more in the #WEO https://t.co/XMCO1e58iW pic.twitter.com/eL0MkNEA0i
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विकसित देशों में सबसे अधिक 7.2 प्रतिशत विकास दर स्पेन की होगी. तो, फ्रांस लगभग 6 फ़ीसद की स्पीड से विकास करेगा. वहीं जर्मनी की विकास दर 4.2 और इटली की ग्रोथ रेट 5.2 रहने का अनुमान IMF ने जताया है.
जबकि, कोविड-19 की महामारी के चलते इस साल दुनिया की अर्थव्यवस्था में 4.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी. मुद्रा कोष का ये अनुमान जून में जताई गई आशंका से भी कम है. यानी इस वक़्त विश्व अर्थव्यवस्था में ज़बरदस्त सुस्ती देखी जा रही है.
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