बजट सत्र से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने मंगलवार को अपनी कैबिनेट का विस्तार किया और उसमें 17 नए मंत्रियों को शामिल किया. आपको बता दें कि इस विस्तार के साथ कैबिनेट में अब कुल मंत्रियों की संख्या 30 हो गई है, जबकि 6 मंत्रियों की जगह अब भी खाली है.
राज्यपाल फागू चौहान ने राजभवन में आयोजित समारोह में बीजेपी के 9 और जेडीयू के 8 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्त शहनवाज हुसैन ने सबसे पहले शपथ ली. इसके बाद जेडीयू के श्रवण कुमार और मदन साहनी ने शपथ ली.
इस समारोह में मुख्यमंत्री के अलावा डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद और रेनू दवेी, स्पीकर विजय कुमार सिन्हा, विधायक परिषद के चेयरमैन अवधेश नारायण सिंह और राज्य सभा सांसद सुशील मोदी शामिल हुए. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इस कैबिनेट विस्तार में शरीक नहीं हो सके. बताया जा रहा है कि वो दिल्ली में हैं.
इस कैबिनेट विस्तार की खास बात यह है कि इसमें बीजेपी से कई नए चेहरों शामिल किया गया है. पिछली एनडीए सरकारों में शामिल रहे प्रेम कुमार और नंद किशोर यादव को इस बार कैबिनेट का हिस्सा नहीं बनाया गया है. आपको बता दें कि सुशील मोदी को पहले ही राज्य सभा भेजा जा चुका है. पिछली कैबिनेट से बीजेपी ने सिर्फ दो मंत्रियों मंगल पांडे और प्रमोद कुमार को जगह दी है. वहीं, दूसरी तरफ जेडीयू ने एक बार फिर अपने पुराने मंत्रियों पर भरोसा जताया है.
बीजेपी और जेडीयू ने शाहनवाज हुसैन और जमां खान को मंत्री बनाकर जहां अल्पसंख्यकों को खुश करने की कोशिश की है, वहीं बीजेपी ने नितिन नवीन को मंत्री का दायित्व देकर कायस्थ वोट बैंक को साधने की कोशिश की है.
गौरतलब है कि दोनों दलों में से एक भी मुस्लिम विधायक जीतकर विधानसभा नहीं पहुंचा था. शाहनवाज हुसैन को विधान पार्षद पहुंचाया गया तथा जमां खान बहुजन समाज पार्टी से जदयू में शामिल हुए हैं.
मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए दोनों दलों ने अपने-अपने तरीके से जहां अपने वोटबैंक को खुश करने की कोशिश की है, साथ ही नए सियासी समीकरण साधने की भी कोशिश की है. वैसे अब देखने वाली बात होगी कि दोनों दल इसमें कितना सफल हो पाते हैं.
Leave Your Comment