फ्रांस के नीस शहर में आतंकवादी हमला हुआ है. एक आतंकवादी ने चाकू से कई लोगों को निशाना बनाया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि कई ज़ख़्मी हो गए हैं. फ्रांस की पुलिस ने बयान जारी किया है कि इस हमले के आरोप में एक आतंकवादी को गिरफ़्तार कर लिया गया है जबकि उससे जुड़े अन्य लोगों की तलाश में छापेमारी की जा रही है.
[#attentat ] Quartier Centre ville secteur Notre Dame toujours bouclé, sous contrôle de la @PoliceNationale sur place , Sécurité Publique 06, RAID,PJ, police scientifique, Investigations en cours ne venez pas sur site. pic.twitter.com/yzVHfpDLvc
— Police Nationale 06 (@PoliceNat06) October 29, 2020
फ्रांस की पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वो फ्रेंच रिवेरा सिटी के इलाक़े की ओर जाने से परहेज़ करें. नीस के मेयर क्रिश्चियन एस्ट्रोसी ने कहा है कि जिस तरह से इस हमले को अंजाम दिया गया, उससे साफ़ है कि ये आतंकवादी हमला हुआ है. क्योंकि, हमलावर ने अल्ला--हू-अकबर का नारा लगाकर एक महिला का सिर क़लम कर दिया और दो अन्य लोगों को चाकू से मार डाला. मेयर एस्ट्रोसी ने कहा कि अब समय आ गया है कि इस्लामिक आतंकवाद से सीधे तौर पर मुक़ाबला किया जाए.
#Nice06 est une nouvelle fois touchée dans son coeur par l'islamofascisme que je ne cesse de dénoncer.
— Christian Estrosi (@cestrosi) October 29, 2020
J'adresse tout mon soutien et toute ma compassion aux familles des victimes de ce barbare.
Je veux remercier les forces de l'ordre mobilisées et particulièrement la @PMdeNice pic.twitter.com/zgm4UPi1sR
इस आतंकवादीर ने फ्रांस की मशहूर नॉट्रे-डैम बैसिलिका के क़रीब लोगों को निशाना बनाया. नीस भूमध्य सागर के तट पर स्थित दक्षिणी फ़्रांस का एक प्रमुख शहर है.
इस हमले को फ्रांस के ख़िलाफ़ दुनिया के कई मुस्लिम देशों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों से जोड़ कर देखा जा रहा है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों के बयान को लेकर कई मुस्लिम देशों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. तुर्की, पाकिस्तान, सऊदी अरब और ईरान जैसे देशों ने मैक्रों के बयान पर कड़ा ऐतराज़ जताया है.
इस विवाद की शुरुआत 16 अक्टूबर को हुई थी, जब एक मुसलमान युवक ने फ्रांस के टीचर सैमुअल पैटी की हत्या कर दी थी. वो पैटी से इसलिए नाराज़ था कि उन्होंने अपनी कक्षा में मुसलमानों के आख़िरी पैग़म्बर मुहम्मद का कार्टून दिखाया था, जिसे साल 2015 में व्यंग पत्रिकार शार्ली एब्दो ने प्रकाशित किया था.
पिछले हफ़्ते पैटी की शोक सभा में फ्रांस के प्रेसीडेंट मैक्रों ने कहा था कि वो किसी की धार्मिक भावनाएं आहत होने के डर से कार्टून या कैरीकेचर पर पाबंदी नहीं लगाएंगे. मुस्लिम देशों का आरोप है कि मैक्रों ने मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आहत की हैं.
वहीं, भारत ने फ्रांस के राष्ट्रपति पर मुस्लिम देशों की ओर से किए जा रहे निजी हमलों पर ऐतराज़ जताया है.
Press Statement on personal attacks in unacceptable language on French President Emmanuel Macron
— India in France (@Indian_Embassy) October 28, 2020
Communiqué de presse sur les attaques personnelles dans un langage inacceptable contre le président français Emmanuel Macron
Full statement: https://t.co/L0vx9YM0vS@MEAIndia pic.twitter.com/SzjjymCNYA
भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा है कि राष्ट्रपति मैक्रों पर मुस्लिम देशों द्वारा किए जा रहे निजी हमले भारत को अस्वीकार्य हैं
Leave Your Comment