जम्मू -कश्मीर में जिला विकास परिषद (DDC) के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) नीत नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) को बड़ी कामयाबी मिली है. यही नहीं अब्दुल्ला की अगुवाई में बनाया गया गुपकार गठबंधन (PAGD) इन चुनावों में सबसे बड़ा दल बनकर उभरा है. वहीं बीजेपी सबसे बड़ी सिंगल पार्टी के रूप में सामने आई है.
गुपकार गठबंधन ने डीडीसी निर्वाचन क्षेत्रों में 105 सीटें हासिल की हैं. यही नहीं गठबंधन ने जम्मू कश्मीर के रामबन और किश्तवाड़ जिलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए जम्मू-कश्मीर के दोनों संभागों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. PAGD ने इनमें से प्रत्येक में सात सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है. आपको बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ फारूक अब्दुल्ला के श्रीनगर स्थित आवास पर पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के राजनीतिक नेताओं की बैठक हुई थी. इसी बैठक में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा वापस दिलाने के प्रतिबद्धता जताई गई थी. बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने ''गुपकार समझौते'' पर हस्ताक्षर किए थे. फारूक अब्दुल्ला इसके अध्यक्ष हैं और संगठन को आकार देने व उसे आगे ले जाने के लिए महबूबा मुफ्ती को उपाध्यक्ष बनाया गया है.
अब तक घोषित डीडीसी की 266 सीटों के परिणामों में से NC ने 63 जीती हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) 74 सीटों के साथ सबसे बड़ी सिंगल पार्टी बनकर उभरी है. पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने 26, पीपल्स कॉन्फ्रेंस (PC) 8, माकपा 5 और जेके पीपल्स मूवमेंट (JKPM) ने 3 सीटें जीती हैं. आपको बता दें कि ये सभी गुपकार गठबंधन का हिस्सा हैं.
कांग्रेस ने 23, अल्ताफ बुखारी की अगुवाई वाली जेके अपनी पार्टी ने 12, जेके पैंथर्स पार्टी (JKNPP) ने 2, पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (PDF) ने 2 और बीएसपी ने एक सीट हासिल की है. वहीं, 47 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के पास गई हैं. खास बात यह है कि श्रीनगर जिले में 14 सीटों में से 7 सीटें पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया है.
भाजपा ने पहली बार श्रीनगर, बांदीपोरा और पुलवामा जिलों में एक-एक सीटें जीतकर घाटी में अपना सियासी खाता खोला है. डीडीसी चुनावों में मिली जीत से उत्साहित बीजेपी ने विकास की राजनीति और सुशासन में भरोसा जताने के लिए जम्मू-कश्मीर की जनता का शुक्रिया अदा किया है.
यह कहते हुए कि जम्मू-कश्मीर में कमल खिला है बीजेपी ने अपने आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट किया और लिखा, "जम्मू-कश्मीर में कमल खिल गया है. हम विकास की राजनीति और सुशासन पर बिना संदेह विश्वास जताने के लिए जम्मू-कश्मीर की जनता का धन्यवाद करना चाहते हैं. हम अपने बहादुर और समर्पित कार्यकर्ताओं को बधाई देना चाहते हैं जिन्होंने बिना डरे और बिना थके इसे संभव कर दिखाया."
Lotus blooms in Jammu and Kashmir!
— BJP (@BJP4India) December 23, 2020
We heartily thank the people of Jammu and Kashmir for their univocal belief in the politics of development and good governance.
We congratulate our brave and dedicated Karyakartas who worked fearlessly and tirelessly to make this possible. pic.twitter.com/2bMFvB1tuR
डीडीसी चुनाव परिणाम से उत्साहित पूर्व मुख्यमंत्री और एनसी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि परिणाम उन लोगों के लिए आंख खोलने वाले हैं, जो अनुच्छेद 370 के उन्मूलन के लिए खड़े थे. इसी के साथ उन्होंने बीजेपी पर भी निशाना साधा. अबदुल्ला ने ट्वीट कर लिखा, "जम्मू-कश्मीर में डीडीसी चुनावों में जो रुझान सामने आए हैं, वह @JKPAGD के लिए बहुत उत्साहजनक हैं. बीजेपी ने इस चुनाव को आर्टिकल 370 और जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति के बारे में एक प्रतिष्ठा का मुद्दा बना दिया था. लोगों ने अपना फैसला सुना दिया है और यह उन लोगों के लिए है जो लोकतंत्र में भरोसे की बात करते हैं, उन्हें इन आवाजों पर ध्यान देना चाहिए."
अपने दूसरे ट्वीट में अब्दुल्ला ने लिखा है, "गुपकार गठबंधन @JKPAGD में हम सभी इस महत्वपूर्ण मोड़ पर जम्मू-कश्मीर के लोगों से प्राप्त जनसमर्थन के ऋणी और आभारी हैं. हम अपने अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखने के लिए सभी लोकतांत्रिक और कानूनी हथियारों का उपयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं."
The trends that have emerged in the DDC polls in J&K are very encouraging for the @JKPAGD. The BJP had made this election a prestige issue about Art 370 & J&K’s special status. The people have now spoken & it’s for those who believe in democracy to pay heed to these voices.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) December 22, 2020
वहीं, नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने भी बीजेपी को आड़े हाथों लिया. पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "अगर उन्हें लगता है कि वे फारूक अब्दुल्ला को डरा सकते हैं, तो मैं बता दूं कि मैं शेर-ए-कश्मीर का बेटा हूं. इस चुनाव ने हमें एक सीख दी है कि हम कहां खड़े हैं. हम सही रास्ते पर थे और हमने यह साबित कर दिया है. हमें एक लंबा रास्ता तय करना है. मैं इन सभी नेताओं को बधाई देता हूं. हमें आप सभी से जो समर्थन मिला है, यह जीत आपकी है, घाटी के लोगों की है.
प्रमुख विजेताओं में पीडीपी के वहीद-उर-रहमान पारा हैं, जो वर्तमान में एनआईए की नजरबंदी में होने के बावजूद चुनाव जीत गए. उन्होंने पुलवामा-ए निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के सज्जाद अहमद रैना को हराया. पारा को जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व उप-अधीक्षक दविंदर सिंह के मामले में एनआईए ने 25 नवंबर को गिरफ्तार किया था. दविंदर को हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादियों का साथ देने के लिए पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. उसे और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी नवीद बाबू को इस साल जनवरी में श्रीनगर से जम्मू ले जाते समय गिरफ्तार किया गया था.
पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा कि पारा की जीत लोगों का उनके प्रति प्यार और विश्वास का संकेत है.
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, "पीडीपी उम्मीदवार वहीद पारा पर हम गर्व क्यों न करें, जिन्होंने अपने पहले चुनाव में वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की हो. नामांकन दाखिल करने के बाद उन्हें आधारहीन आरोपों में गिरफ्तार किए जाने के बावजूद लोगों ने उनके प्रति अपना प्यार और विश्वास दिखाया है."
Couldn’t be prouder of PDPs @parawahid who won his maiden election by a huge margin of votes. Despite being arrested on baseless charges right after filing his nomination people have shown their love & trust for Waheed. Hope justice prevails. pic.twitter.com/MOU8gNUOic
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 22, 2020
अन्य प्रमुख विजेताओं में पूर्व मंत्री, कांग्रेस के ताज मोहिउद्दीन, शामलाल शर्मा और पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग की पत्नी सफीना बेग शामिल हैं. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद ये इस केंद्र शासित प्रदेश का पहला चुनाव था. आठ चरणों में हुए जिला विकास परिषद की शुरुआत 28 नवंबर को हुई थी. इस दौरान कुल 280 सीटों पर चुनाव हुआ. 280 सीटों में से 140 सीट जम्मू संभाग में है और 140 सीट कश्मीर संभाग में हैं.
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