प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के पास ग्लेशियर में आई दरार के कारण अचानक आई भीषण बाढ़ में जान गंवाने वाले सभी लोगों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये बतौर अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. प्रधानमंत्री ने आपदा में गंभीर रूप से घायल हुए लोगों के लिए 50 हजार रुपये मुआवजे की भी घोषणा की. ये राशि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से पीड़ितों को दी जाएगी, जिसका उपयोग बाढ़, चक्रवात और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों के परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए किया जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर में दरार के कारण हुए दुखद हिमस्खलन के कारण अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए PMNRF से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि मंजूर की है. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने ट्वीट कर कहा कि गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे.
PM @narendramodi has approved an ex-gratia of Rs. 2 lakh each from PMNRF for the next of kin of those who have lost their lives due to the tragic avalanche caused by a Glacier breach in Chamoli, Uttrakhand. Rs. 50,000 would be given to those seriously injured.
— PMO India (@PMOIndia) February 7, 2021
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा था कि वह उत्तराखंड के दुर्भाग्यपूर्ण हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.
उन्होंने लिखा, "भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है और राष्ट्र वहां हर किसी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है. लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर रहे हैं और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव कार्य और राहत कार्यों के बारे में अपडेट प्राप्त कर रहे हैं."
Am constantly monitoring the unfortunate situation in Uttarakhand. India stands with Uttarakhand and the nation prays for everyone’s safety there. Have been continuously speaking to senior authorities and getting updates on NDRF deployment, rescue work and relief operations.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 7, 2021
गंगा नदी के छह स्रोतों में से एक धौलीगंगा नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद हुई इस घटना में करीब 150 लोग लापता हैं और कई घायल हो गए हैं. 85 किमी की यह नदी उत्तराखंड के जोशीमठ पर्वत के बेस पर विष्णुप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिलती है.
ऋषि गंगा में करीब सुबह 10:45 पर अचानक बाढ़ आ गई. एक ग्लेशियर के गिरने और तेजी से पानी की धारा चलने से ऋषि गंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह तहस-नहस हो गया.
जैसे ही ऋषि गंगा रेनी गांव के पास धौलीगंगा से मिली, दूसरी नदी में भी बाढ़ आ गई. बाढ़ में गांव के पांच से छह घर भी बह गए और तपोवन के पास धौली गंगा नदी पर NTPC की एक परियोजना पूरी तरह तहस-नहस हो गई. नदी की दूसरी ओर के गांवों को जोड़ने वाले दो झूला पुल भी बह गए.
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), सेना और NDRF की टीमों के करीब 250 जवान घटना स्थल पर बचाव और तलाशी अभियान चला रहे हैं.
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