लद्दाख सेक्टर में चीन के साथ बॉर्डर विवाद को लेकर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और ऐसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेगा. आपको बता दें कि उनका यह बयान उस दिन आया है जब दोनों देशों की सेना LAC से सेना की मौजूदगी को कम करने पर बातचीत करने वाली है.
नेशनल डिफेंस कॉलेज की डायमंड जुबली के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जनरल रावत ने कहा, "सीमा पर झड़पों और बिना उकसावे के सैन्य कारवाई के बड़े संघर्ष में तबदील होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता."
CDS ने कहा कि लद्दाख में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी वहां अपने दुस्साहस को लेकर भारतीय बलों की मजबूत प्रतिक्रिया के कारण अप्रत्याशित परिणाम का सामना कर रही है.
इसी के साथ जनरल रावत ने चीन और पाकिस्तान के कपटपूर्ण खतरे के प्रति आगाह भी किया. उन्होंने कहा कि परमाणु शक्ति संपन्न दो पड़ोसी देशों के साथ लगातर टकराव बना हुआ है. भारत उनके साथ युद्ध भी लड़ चुका है और दोनों की सांठ-गांठ की वजह से क्षेत्रीय कूटनीतिक अस्थिरता सर्वव्यापी है.
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा था कि एकतरफावाद और आक्रामकता के सामने भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए दृढ़ है, फिर चाहे इसके लिए कितनी भी बड़ी कीमत क्यों न चुकानी पड़े.
इसी के साथ राजनाथ सिंह ने यह भी कहा था कि युद्ध की मंशा को परे रखकर ही शांति स्थापित की जा सकती है. उनके मुताबिक, "राष्ट्रों के उदय और पतन ने हमें सिखाया है कि सिर्फ शांति की इच्छा रखने से ही शांति हासिल नहीं की जा सकती है, लेकिन युद्ध रोकने की क्षमता के जरिए शांति सुनिश्चित की जा सकती है."
गौरतलब है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन के बीच जारी तनाव के दौरान दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच आठवें दौर की वार्ता आज चुशुल में होगी. इससे पहले हुईं सात दौर की वार्ताओं में टकराव के बिन्दुओं का हल निकालने पर सहमति तो बनी, लेकिन जमीनी स्तर पर उनका क्रियान्वयन अब तक नहीं हुआ.
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