कोरोना वायरस (Corona virus) की चपेट में पूरी दुनिया आ चुकी है. इस वायरस के संक्रमण की शुरुआत पिछले वर्ष दिसंबर में हुई थी. तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि एक सामान्य सा लगने वाला वायरस पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर देने की ताकत रखता है. बहरहाल अबतक इस वायरस से संक्रमित होकर भारत में कोरोना ने एक लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली है. कोरोना से हुई मौतों के मामले में भारत अब अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरा देश है जहां इस महामारी ने लाखों लोगों की जान ली है. इस वायरस ने देश के लोगों के साथ साथ अर्थव्यवस्था को भी काफी क्षतिगस्त किया है. करोड़ों लोगों ने महामारी के कारण हुए लॉकडाउन में अपनी नौकरी खोई है, छोटे व्यवसायिओ की आमदनी रूक गई है. ऐसे में सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये सुनिश्चित करना है कि कोरोना वैक्सीन को देश के हर तबके तक पहुंचाया जा सके.
केंद्र सरकार अगले साल जुलाई महीने तक देश के लगभग 25 करोड़ लोगों तक वैक्सीन पहुचाने की कोशिश कर रही है. रविवार को स्वास्थय मंत्री डॉ हर्षवर्धन (Harshvardhan) ने इसके बारे में बताते हुए कहा कि सरकार को इस मकसद के लिए वैक्सीन (vaccine) की 40 से 50 करोड़ खुराकें मिलेंगी. उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य देश के हर शख्स तक वैक्सीन पहुंचाना है और इसके लिए कड़ी मेहनत से तैयारी की जा रही है.
डॉ हर्षवर्धन ने कहा, "वैक्सीन की खरीद केंद्रीय स्तर पर की जा रही है और हर कंसाइनमेंट को रियल टाइम में ट्रैक किया जाएगा. अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी." साथ ही सरकार भारतीय वैक्सीन उत्पादकों को पूरा समर्थन दे रही है और वैक्सीन तक न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
वैक्सीन को लेकर होने वाले खर्च पर बात करें तो हाल ही में सीरम इंस्टीट्यूट प्रमुख अदर पूनावाला ने ट्वीट करते हुए कहा था कि देश के सभी लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए भारत सरकार को 80,000 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी, क्या केंद्र के पास इतने पैसों की व्यवस्था है. इसके जवाब में भारत सरकार ने कहा कि वह अदर पूनावाला के 80,000 करोड़ के आंकड़े से सहमत नहीं है और उसके पास वैक्सीन के लिए पर्याप्त फंड है. बता दें की पूनावाला ने सभी को वैक्सीन लगाने में दो साल का समय लगने की बात भी कही थी.
Quick question; will the government of India have 80,000 crores available, over the next one year? Because that's what @MoHFW_INDIA needs, to buy and distribute the vaccine to everyone in India. This is the next concerning challenge we need to tackle. @PMOIndia
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) September 26, 2020
मालूम हो कि दुनिया के कई देश इस वायरस के वैक्सीन की खोज में लगे हुए हैं. भारत की बात करें तो अभी भारत में तीन कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है और इनमें से दो स्वदेशी हैं. पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) और भारत बायोटेक की वैक्सीन अभी ट्रायल के दूसरे चरण में है और इसी महीने इसका तीसरे चरण का ट्रायल शुरू होना है. वैक्सीन के अगले साल की शुरुआत तक बाजार में आने की उम्मीद है.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैक्सीन को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) उत्पादन करेगी और वही इसका ट्रायल कर रही है. अगर इनमें से एक भी ट्रायल सफल रहा तो भारत को जल्द ही इस वायरस का तोड़ मिल जाएगा.
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