×

रामलीला का मंचन होने की असल वजह जानकर चौंक जाएंगे आप!

PujaPandit Desk

13 Aug, 2020 05:27 am

हर साल देश के कोने-कोने में रामलीला का मंचन होता है. रामलीला का मंचन शारदीय नवरात्रि में किया जाता है. रामलीला का मंचन पहले नवरात्रि से आरंभ हो जाता है जो कि दसवें दिन यानी दशहरे के साथ ही समाप्त होता है. आपको जानकर हैरानी होगी रामलीला का मंचन सिर्फ भारत देश में ही नहीं बल्कि कई विदेशों में भी हर साल 9 दिनों तक किया जाता है. कई टूरिस्ट प्लेस पर रामलीला का मंचन बहुत अलग अंदाज में प्रस्तुत किया जाता है.

आपने भी बचपन से रामलीला देखी और इसके बारे में सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर रामलीला का मंचन क्यों किया जाता है? रामलीला के मंचन की पंरपरा कब से आरंभ हुई? आज हम आपको बताएंगे रामलीला का मंचन क्यों किया जाता है और कबसे इसकी शुरूआत हुई.

क्यों किया जाता है रामलीला का मंचन

प्राचीन समय से ही देशभर में हर्षोल्लास के साथ रामलीला का मंचन होता है. रामलीला के मंचन में भगवान राम के जीवन की अहम घटनाओं, सीता माता का रावण द्वारा अपहरण, भगवान हनुमान जी का संजीवनी बूटी लाना और मारीच हिरण का वध, रामजी और रावण का युद्ध और भगवान राम द्वारा रावण और उनके भाईयों के वध की कथा को मंचन के जरिए रामलीला के दौरान प्रस्तुत किया जाता है. इसके साथ ही दशहरा के दिन रावण और उनके भाईयों के पुतलों का दहन किया जाता है, इन तीनों का दहन भगवान राम का किरदार निभाने वाले व्यक्ति द्वारा धनुषबाण के जरिए किया जाता है.

किन देशों में होती है रामलीला

भारत के अलावा, इंडोनेशिया के शहर बाली, श्रीलंका, नेपाल, थाईलैंड, मॉरीशस, अफ्रीका, कनाडा जैसे देशों के अलावा जावा, लाओस, फिजी और सूरीनाम में भी रामलीला का मंचन किया जाता है.

कैसे शुरू हुई रामलीला की परंपरा

रामलीला को नाटक के ही एक छोटे स्वरूप के रूप में यानि लोक नाटक के रूप में जाना जाता है जो कि दस दिन तक चलता है. ऐसा माना जाता है कि रामलीला की शुरूआत उत्तर भारत से हुई थी. हालांकि रामलीला के मंचन के साक्ष्य ग्यारहवीं शताब्दी में मिलते हैं. शुरूआत में रामलीला का मंचन महर्षि वाल्मीकि के महाकाव्य रामायण की कथा पर किया जाता था. इसके बाद गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ के आधार पर रामलीला का मंचन किया जाने लगा.

तथ्यों के मुताबिक, 16वीं शताब्दी में तुलसीदास जी के शिष्यों ने सबसे पहले रामलीला करना आरंभ किया जो कि ‘रामचरितमानस’ पर आधारित थी. इसी के बाद से रामलीला का मंचन करवाने का संकल्प उस समय के काशी के राजा ने रामनगर में हर साल लिया. ऐसा माना जाता है इस घटना के बाद से आज तक हर साल रामलीला का मंचन होता है.

Leave Your Comment