प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अपने बच्चों के मनोरंजन के लिए ज़रूरी खिलौनों के लिए हमारा अन्य देशों पर निर्भर रहना ठीक नहीं है. हमें अपने बच्चों के लिए अपने देश में ही खिलौने बनाने चाहिए. अपनी विरासत, परंपरा, युवा आबादी और तमाम क्षेत्रीय विविधताओं का लाभ उठाते हुए भारत ऐसा करने में पूरी तरह सक्षम हैं.
प्रधानमंत्री मोदी की ये बाद बेहद महत्वपूर्ण है और इसके सीधे निशाने पर है चीन. क्योंकि, भारत अपने खिलौनों की कुल ज़रूरत का तीन चौथाई चीन से ही आयात करता है. ऐसे में हम अपने बच्चों के खेल-कूद और मनोरंजन के लिए लगभग पूरी तरह से चीन पर निर्भर हैं.
China’s share in India’s imports (%):
— The Indian Index (@Indian_Index) August 29, 2020
Toys: 75%
Drugs APIs: 68%
Solar Cells: 78%
Capital Goods: 55%
Electrical & Electronic Equipments: 50%
Consumer durables: 45%
Leather goods: 40%
Organic Chemicals: 40%
Automobile components: 27%
(News Reports; Lok Sabha; WITS)
मन की बात 2.0 के पंद्रहवें संस्करण में आज प्रधानमंत्री मोदी ने देश के उद्यमियों से अपील की कि वो भारत के भविष्य यानी बच्चों के मनोरंजन के लिए खिलौने अपने देश में ही बनाने की कोशिश करें. उन्होंने कहा कि भारत में इतनी संभावनाएं हैं कि वो दुनिया भर में खिलौनों का हब बन सके.
गांधीनगर कि चिल्ड्रेन यूनिवर्सिटी के अनुभव बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, ‘हमने इस बात पर मंथन किया कि हमारे देश के बच्चों को नए नए खिलौने कैसे मिलें. भारत खिलौनों के निर्माण में दुनिया का बड़ा केंद्र कैसे बने. इतनी समृद्ध विरासत और संसाधन वाला देश अगर खिलौनों के बाज़ार में इतने कम का हिस्सेदार है, क्या हमें ये अच्छा लगेगा?’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, ‘अब समय आ गया है कि हम लोकल खिलौनों के लिए वोकल हों. आइए हम अपने युवाओं के लिए कुछ अच्छे और नए तरह के खिलौने बनाते हैं.’
प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ के दूसरे संस्करण का पंद्रहवां एपिसोड बच्चों और युवाओं पर केंद्रित रहा. प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं से अपील की कि वो, ‘आगे आकर कुछ इनोवेट करें. कुछ इम्प्लीमेट करें. क्योंकि आपकी कोशिशों से ही आज की छोटी छोटी स्टार्ट अप, कल बड़ी कंपनियों में बदलेंगी. दुनिया में भारत की नई पहचान बनाएंगी.’
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में युवाओं के लिए ऐप इनोवेशन चैलेंज के बारे में भी बताया. मोदी ने कहा कि, ‘हमने बहुत बारीक़ी से जांच-पड़ताल के बाद क़रीब दो दर्जन ऐप्स को अवार्ड भी दिए हैं.’
उन्होंने कार्यक्रम में अवार्ड जीतने वाले कई भारतीय ऐप्स का ज़िक्र भी किया. जो बच्चों के सीखने, माइक्रोब्लॉगिंग और फिटनेस के ऐप हैं.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में घोषणा की कि सितंबर महीने को देश भर में ‘पोषण माह’ के रूप में मनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि, ‘नेशन और न्यूट्रिशन के बीच गहरा संबंध होता है. हमारे यहां कहावत है कि-यथा अन्नम तथा मन्नम. यानी जैसा अन्न होता है, वैसा ही हमारा मानसिक और बौद्धिक विकास भी होता है.’
" पोषण या Nutrition का मतलब केवल इतना ही नहीं होता कि आप क्या खा रहे हैं, कितना खा रहे हैं, कितनी बार खा रहे हैं । इसका मतलब है आपके शरीर को कितने जरुरी पोषक तत्व, nutrients मिल रहे हैं ।"
— Mann Ki Baat Updates (@mannkibaat) August 30, 2020
- पीएम श्री @narendramodi .#MannKiBaat #PoshanAbhiyaan pic.twitter.com/uccsSZi6oD
प्रधानमंत्री ने अपने कार्यक्रम में बताया कि पोषण माह के दौरान एक फूंड ऐंड न्यूट्रिशन क्विज का भी आयोजन किया जाएगा. सरकार के माईगव पोर्टल के ज़रिए इसमें कोई भी शामिल हो सकता है.
इसके अलावा उन्होंने सुरक्षा बलों के दो प्रशिक्षित कुत्तों सोफी और विदा का भी ज़िक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय सेना के ये दो श्वान बेहद जांबाज़ हैं. उन्हें ‘चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ के कमेंडेशन कार्ड’ दिए गए हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से अपील की कि, ‘अगली बार आप जब भी कुत्ते पालने के बारे में सोचें, तो किसी भारतीय ब्रीड्स के कुत्ते को ही घर लाएं.’
" Dogs की Disaster Management और Rescue Missions में भी बहुत बड़ी भूमिका होती हैं।
— Mann Ki Baat Updates (@mannkibaat) August 30, 2020
भारत में तो National Disaster Response Force – NDRF ने ऐसे दर्जनों Dogs को Specially Train किया है।" - पीएम श्री @narendramodi .#MannKiBaat @NDRFHQ pic.twitter.com/b3xbOWsE57
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने कहा कि आम तौर पर सितंबर के महीने से भारत में त्यौहार के सीज़न की शुरुआत हो जाती है. मेले लगते हैं. पूजा-पाठ के कार्यक्रम होते हैं. लेकिन, इस बार कोरोना के संकट काल के चलते हमें अनुशासन का पालन करना होगा. क्योंकि इस महामारी से लड़ना सरकार के साथ साथ आम जनता की भी ज़िम्मेदारी है.
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