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प्रधानमंत्री स्‍वनिधि योजना के तहत एक लाख से अधिक लोगों को ऋण मंजूर

TLB Desk

12 Aug, 2020 10:21 pm

प्रधानमंत्री स्‍वनिधि योजना के अंतर्गत आवेदन करने वालों की संख्‍या पहले 41 दिनों में ही पांच लाख को पार कर गई है. इनमें से एक लाख लोगों को कर्ज मंजूर भी कर दिए गए हैं. इस योजना को लेकर रेहड़ी और पटरी विक्रेताओं में बहुत उत्‍साह देखा जा रहा है क्‍योंकि उन्‍हें लॉकडाउन के बाद अपना व्‍यवसाय फिर शुरू करने के लिए सस्‍ती दरों पर ऋण उपलब्‍ध कराए जा रहे हैं. इस योजना के अंतर्गत एक वर्ष के लिए दस हजार रुपये का कर्ज बिना किसी जमानत के दिया जा रहा है. इसके अलावा इन लोगों को कर्ज का नियमित भुगतान करने पर ब्‍याज में सात प्रतिशत वार्षिक की दर से सब्सिडी भी दी जाएगी. डिजिटल लेनदेन करने वालों को एक हजार दो सौ रुपये का कैश बैक मिलेगा.
 
यह योजना आत्मनिर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत आवासन और शहरी विकास मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है. इस योजना में गैर बैंकिंग वित्‍तीय कम्‍पनियों और लघु वित्‍तीय संस्‍थानों को कर्ज देने वाले संगठन के रूप में निर्धारित किया गया है. ये संस्‍थान सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों और स्‍वयं सहायता बैंकों के अलावा होंगे.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी कल पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्‍मान इस वेब पोर्टल की शुरूआत करेंगे. प्रत्‍यक्ष कर सुधारों की दिशा में सरकार के महत्‍वपूर्ण उपायों के अंतर्गत इस पोर्टल की शुरूआत वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी.

केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड -सी बी डी टी ने हाल के वर्षों में प्रत्‍यक्ष कर प्रणाली के क्षेत्र में कई बड़े सुधार किए हैं. पिछले साल कॉरपोरेट कर की दरों को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत किया गया था. नई विनिर्माण इकाइयों पर कर की दर 15 प्रतिशत कर दी गई. लाभांश वितरण कर को समाप्‍त कर दिया गया है. इन सुधारों का मुख्‍य उद्देश्‍य कर की दरों में कमी लाना और प्रत्‍यक्ष कर कानूनों को सरल बनाना है.
 
लंबित कर विवादों के समाधान के लिए प्रत्‍यक्ष कर विवाद से विश्‍वास अधिनियम-2020 लाया गया. इसके तहत फिलहाल विवाद सुलझाने की प्रक्रिया चल रही है. करदाताओं की शिकायतों और मुकदमेबाजी को कम करने के लिए विभिन्‍न अपीली अदालतों में विभागीय अपील करने की मौद्रिक सीमा बढाई गई है. डिजिटल लेनदेन और भुगतान के इलेक्‍ट्रानिक माध्‍यमों को बढावा देने के लिए कई उपाय किए गए हैं.

आय कर विभाग कोविड महामारी के दौरान करदाताओं के लिए अनुपालन आसान बनाने के प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध है. इसके अंतर्गत आय कर रिटर्न की वैधानिक समय सीमा बढाई गई है. लोगों के पास नगदी बढाने के लिए कर रिफंड की प्रक्रिया में भी अत्‍यधिक तेजी लाई गई है. पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्‍मान इस वेब पोर्टल शुरू होने से कर सुधारों की प्रक्रिया को आगे बढाने में मदद मिलेगी.  

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