पश्चिम बंगल की ममता बनर्जी सरकार अब राज्य के पुरोहितों पंडितों को एक हज़ार रुपए प्रति माह भत्ता देगी. सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसका एलान किया. इससे राज्य के लगभग आठ हज़ार पुरोहितों और पंडितों को सीधे फ़ायदा मिलेगा. इसके अलावा ममता बनर्जी ने एलान किया है कि जिन पुरोहितों और पंडितों के पास अपने मकान नहीं हैं, उन्हें राज्य सरकार की बंगाल आवास योजना के तहत मकान भी दिए जाएंगे.
ममता बनर्जी की इस घोषणा को राज्य में बीजेपी की बढ़ती राजनीतिक शक्ति का मुक़ाबला करने वाला क़दम बताया जा रहा है. बीजेपी, ममता बनर्जी पर लगातार हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाती रही है. इससे पहले ममता बनर्जी ने साल 2012 में बंगाल के इमामों को हर महीने ढाई हज़ार रुपये का वज़ीफ़ा देने की घोषणा की थी. जिसे बीजेपी ने ममता की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति का हिस्सा बताया था. जिसके बाद पिछले साल जून महीने में कोलकाता नगर निगम ने अंतिम संस्कार कराने वाले पंडितों को भत्ता देने की घोषणा की थी. कोलकाता नगर निगम पर तृणमूल कांग्रेस का ही कब्ज़ा है. पिछले साल जून में नगर निगम ने हर दाह संस्कार के लिए पुजारी को 380 रुपये भत्ता देने की घोषणा की थी.
पश्चिम बंगाल में पूरी ताक़त से अपनी राजनीतिक पहुंच बढ़ाने में जुटी बीजेपी लगातार ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टिकरण के इल्ज़ाम लगाती रही है. जिसके बाद ममता बनर्जी ने हिंदू समुदाय को ख़ुश करने के लिए ऐसी कई योजनाओं का एलान किया है. 2018 में ममता सरकार ने दुर्गा पूजा पंडालों को 28 करोड़ रुपये का अनुदान देने का एलान किया था.
पिछले कुछ वर्षों के दौरान पश्चिम बंगाल में मुस्लिम तुष्टिकरण और बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर जमकर सियासत होती दिखी है. जिसमें बीजेपी को ख़ूब फ़ायदा मिला है. कभी बंगाल में एक भी सीट न जीत पाने वाली बीजेपी ने 2019 के आम चुनावों में बंगाल की 42 में 18 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. इस दौरान बीजेपी 128 विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल हुई थी. वहीं, टीएमसी केवल 158 विधानसभा क्षेत्रों पर बढ़त हासिल कर पायी थी. जबकि 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने 211 सीटें जीती थीं. पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. जिसमें अबकी बार ममता बनर्जी का सीधा मुक़ाबला बीजेपी से होने की संभावना है.
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