पाकिस्तान में देवबंदी स्कूल के एक मौलाना आदिल ख़ान के क़त्ल पर कोहराम मचा हुआ है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इस हत्या के लिए हिंदुस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया है. इमरान ख़ान ने मौलाना आदिल ख़ान की हत्या पर अफ़सोस जताते हुए कहा कि भारत की ख़ुफ़िया एजेंसियां, पाकिस्तान में दंगे भड़काना चाहती हैं. इसीलिए, मौलाना आदिल ख़ान की हत्या कराई गई है. मौलाना आदिल ख़ान को, शनिवार रात कराची शहर में गोली मार दी गई थी. कराची की शाह फ़ैसल कॉलोनी से गुज़रते हुए, जब मौलाना की कार एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के बाहर रुकी, तो दो बाइक सवार हमलावरों ने आकर उन्हें गोली मार दी.
Condemnable targeted killing of Maulana Adil of Jamia Farooqia in Karachi this evening. My govt has known & I have repeatedly stated this on TV, since last 3 months India's attempts to target kill Aalims from Sunni & Shia sects to create sectarian conflict across the country. pic.twitter.com/HbhJ0o16zB
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) October 10, 2020
देवबंदी स्कूल ऑफ़ इस्लाम से ताल्लुक़ रखने वाले मौलाना आदिल ख़ान, कराची में जामिया फ़ारुक़िया नाम का मदरसा चलाते हैं. जिसकी स्थापना मौलाना आदिल ख़ान के पिता समीउल्लाह ख़ान ने की थी. मौलाना आदिल ख़ान सुन्नी फ़िरक़े से ताल्लुक़ रखते थे. इस्लामिक स्टडीज़ के बाद मौलाना आदिल ख़ान ने काफ़ी दिनों तक मलेशिया में पढ़ाया था. और अब वो कराची में अपने पिता के स्थापित किए गए शिक्षण संस्थान जामिया फ़ारुक़िया को चला रहे थे.
पाकिस्तान में शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच ऐसी ख़ूनी लड़ाइयां लंबे समय से चलती आई हैं. पिछले 25 वर्षों में शिया-सुन्नी के झगड़े में पाकिस्तान के 5 हज़ार से ज़्यादा शहरी मारे जा चुके हैं. माना जाता है कि पाकिस्तान की लगभग 21 करोड़ की आबादी में शिया मुसलमानों की आबादी क़रीब दो करोड़, यानी कुल आबादी का दस प्रतिशत है. बाक़ी सुन्नी फ़िरक़े से ताल्लुक़ रखने वाले हैं. कराची शहर तो लंबे समय से सांप्रदायिक हिंसा का शिकार रहा है. लेकिन, इमरान ख़ान ने बिना सुबूत के भारत पर इल्ज़ाम मढ़ दिया. और कहा कि पाकिस्तान को अस्थिर करने और नुक़सान पहुंचाने की ऐसी साज़िशें नाकाम कर दी जाएंगी.
We have prevented a number of such attempts preemptively in last few months. Our intelligence orgs & law enforcement agencies will nab culprits of this murder also. Our ulema from all sects must ensure people do not fall prey to this nefarious Indian design to destabilise Pak
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) October 10, 2020
इमरान ख़ान के बाद, पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ ने भी भारत का नाम लिए बग़ैर मौलाना के मर्डर का इल्ज़ाम भारत पर लगा दिया. पाकिस्तान आर्मी की मीडिया विंग ISPR की ओर से जारी बयान में जनरल बाजवा ने मौलाना आदिल ख़ान की हत्या को दुश्मनों की साज़िश बताते हुए कहा कि ऐसे हर षडयंत्र को नाकाम कर दिया जाएगा.
Expressing grief on assassination of renowned religious scholar Maulana Adil in Karachi, #COAS strongly condemned the incident and termed it an attempt to foment unrest by Pakistan’s enemies. COAS directed all out support to civil administration to bring the criminals to justice.
— DG ISPR (@OfficialDGISPR) October 10, 2020
पिछले कुछ महीनों से इमरान ख़ान की सरकार लगातार विरोधी दलों के निशाने पर है. 20 सितंबर को तमाम विपक्षी दलों ने एक वर्चुअल बैठक की थी. जिसमें इमरान ख़ान को निकम्मा घोषित करते हुए कहा गया था कि वो सरकार चलाने लायक़ ही नहीं हैं. वहीं, जनरल बाजवा ने 10 अक्टूबर को पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी में अपने एक भाषण में आरोप लगाया था कि उनके मुल्क के दुश्मन एक हाइब्रिड वार लड़ रहे हैं. जिसमें गोलियां चलाने के बजाय माइंडगेम से पाकिस्तान को पराजित करने की कोशिश की जा रही है. और इसमें पाकिस्तान के कई नेता भी शामिल हैं.
वहीं, इमरान ख़ान के बारे में माना जाता है कि पाकिस्तान की फौज ने उन्हें 2018 के इलेक्शन में धांधली करके प्राइम मिनिस्टर बनवाया. इसीलिए विपक्षी दल, इमरान ख़ान को 'सेलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर ' कह कर चिढ़ाते रहे हैं.
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