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2 + 2 वार्ता के लिए भारत पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो और रक्षा मंत्री एस्‍पर

Babita Pant

नई द‍िल्‍ली 26 Oct, 2020 03:04 pm

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) और रक्षामंत्री मार्क एस्‍पर (Mark Esper) टू प्‍लस टू (2+2) वार्ता के लिए सोमवार दोपहर दिल्‍ली पहुंच गए. यह वार्ता मंगलवार को होगी, जिसमें भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे. इस बातचीत में कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.

अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने इस बैठक को लेकर रविवार को एक बयान जारी किया जिसके मुताबिक, "भारत और अमेरिका के बीच मंत्रीस्‍तरीय 2+2 वार्ता दोनों देशों के साझा कूटनीतिक और सुरक्षा लक्ष्‍यों के प्रति उच्‍च स्‍तरीय प्रतिबद्धता को दर्शाती है." 

वहीं, विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भारत रवाना होने से पहले ट्वीट करते हुए, "भारत, श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया की मेरी यात्रा शुरू हुई. स्वतंत्र, मजबूत और समृद्ध राष्ट्रों से बने मुक्त और खुले भारत प्रशांत के लिए साझा दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के खातिर हमारे भागीदारों से जुड़ने के अवसर के लिए आभारी हूं."

अमेरिका के विदेश मंत्रालय द्वारा पिछले हफ्ते जारी बयान के मुताबिक तीसरी टू प्‍लस टू वार्ता में मुख्‍य रूप से क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए आपसी समन्‍वय, रक्षा सूचनाओं को साझा करने, दोनों देशों की सेनाओं के बीच पारस्‍परिक मेल-जोल और रक्षा व्‍यापार पर ध्‍यान केंद्र‍ित किया जाएगा.

आपको बता दें कि सबसे पहले टू प्‍लस टू वार्ता राजधानी दिल्‍ली में सितंबर 2018 में हुई थी, जबकि दूसरी बैठक 2019 में वॉशिंगटन में आयोजित की गई.

अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान पोम्पियो और एस्‍पर अपने भारीतय समकक्ष एस जयशंकर और राजनाथ सिंह के साथ बैठक करेंगे. इसके अलावा वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल से भी मिलेंगे.

भारत और अमेरिका दोनों देशों ने इस बैठक की महत्ता बताते हुए कहा है कि ऐसे समय में जब महामारी के चलते सारी बैठकें और संचार ऑनलाइन हो रहे हैं, तब पोम्पियो और एस्‍पर का भारत आना यह दिखाता है कि भारत के साथ अमेरिका के रिश्‍ते कितने महत्‍वपूर्ण हैं.

वार्ता के मद्देनजर अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि वह भारत के एक अग्रणी क्षेत्रीय और वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने का स्वागत करता है. इसी के साथ बयान में यह भी कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) पर अपने आगामी कार्यकाल के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के साथ निकट सहयोग करने के लिए तत्पर है. 

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