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उत्तर भारत से मॉनसून की वापसी शुरू, दिल्ली में अब बारिश के आसार बेहद कम

Archit Gupta

नई दिल्ली 28 Sep, 2020 08:46 pm

मॉनसून ने उत्तर भारत से अपना बोरिया बिस्तर समेटना शुरू कर दिया है. दक्षिण पश्चिम मॉनसून के बादल पश्चिमी राजस्थान और पंजाब से लौट पड़े हैं. मौसम विभाग का कहना है कि इस बार मॉनसून ने उत्तर भारत से अपनी वापसी का सफ़र सामान्य से 11 दिनों बाद शुरू किया है.


मॉनसून विभाग का कहना है कि मॉनसून की वापसी के लिए उत्तर भारत में माहौल बिल्कुल सही है. और जल्द ही राजस्थान, पंजाब-हरियाणा, चंडीगढ़, राजधानी दिल्ली, यूपी और मध्य प्रदेश से भी अगले दो तीन दिनों में मॉनसून की वापसी का सफ़र शुरू हो जाएगा. 

मौसम विभाग ने कहा कि, 'दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने 28 सितंबर से पश्चिमी राजस्थान और पंजाब के कुछ हिस्सों से वापसी का सफ़र शुरू कर दिया है. अगले चार पांच दिनों के दौरान उत्तर भारत के ज़्यादातर हिस्सों का मौसम शुष्क रहेगा.' 

भारत में मॉनसून का सीज़न आधिकारिक रूप से एक जून से शुरू होता है और 30 सितंबर तक चलता है. इस साल भी मॉनसून की पहली बारिश केरल में एक जून को हुई थी. और 26 जून तक देश के लगभग हर हिस्से में मॉनसून पहुंच चुका था. हालांकि, आधिकारिक रूप से पूरे देश में मॉनसून की बारिश 15 जुलाई तक होने का अनुमान लगाया गया था. यानी इस बार मॉनसून जल्दी पूरे देश में पहुंचा और इसने वापसी का सफर भी 11 दिनों बाद शुरू किया है. 

मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर भारत से भले ही मॉनसून वापस हो रहा हो, लेकिन, देश के कुछ और हिस्सों में बारिश अभी जारी रहेगी. इस समय पूर्वी बिहार से पश्चिमी बंगाल की खाड़ी, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाक़ों और ओडिशा व बंगाल के कुछ हिस्सों में कम हवा का दबाव बना हुआ है. इससे इन इलाक़ों में बारिश होने की संभावना बनी हुई है. मौसम विभाग ने अभी दक्षिणी भारत के कुछ हिस्सों में भी बारिश होने का अनुमान जताया है. तमिलनाडु में तो भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है.

मौसम विभाग के मुताबिक़, चूंकि इस बार मॉनसून सामान्य से ज़्यादा दिनों तक रहा, इसलिए देश में औसत से लगभग दस प्रतिशत अधिक बारिश हुई. मौसम विभाग के फॉर्मूले के अनुसार 96 प्रतिशत से लेकर 104 प्रतिशत तक बारिश होने को मॉनसून का सामान्य होना माना जाता है. वहीं, 110 प्रतिशत से अधिक बारिश को सामान्य से अधिक वर्षा वाला सीज़न कहा जाता है.

अच्छी बारिश होने के कारण, इस साल ख़रीफ़ और रबी की अच्छी फ़सल होने का अनुमान लगाया गया है.

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