उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में बन रहा मुग़ल म्यूज़ियम अब छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से जाना जाएगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि नए उत्तर प्रदेश में ग़ुलामी की मानसिकता के चिह्नों की जगह बिल्कुल नहीं है. जबकि, शिवाजी महाराज हम सबके नायक हैं.
आगरा में निर्माणाधीन म्यूजियम को छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से जाना जाएगा।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 14, 2020
आपके नए उत्तर प्रदेश में गुलामी की मानसिकता के प्रतीक चिन्हों का कोई स्थान नहीं।
हम सबके नायक शिवाजी महाराज हैं।
जय हिन्द, जय भारत।
ये मुग़ल म्यूज़ियम ताजमहल के पूर्वी गेट पर बन रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार के इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 150 करोड़ रुपये है.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें ग़ुलामी के चिह्नों को छोड़ कर राष्ट्र के प्रति गौरव का एहसास कराने वाले विषयों को बढ़ावा देने की ज़रूरत है. हमारे नायक मुग़ल नहीं हो सकते.
यूपी के सीएम ने टूरिज़्म डिपार्टमेंट के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो मुग़ल म्यूज़ियम का नाम बदलने के लिए समुचित क़दम उठाएं. इस म्यूज़ियम में मुग़लकालीन वस्तुओं और दस्तावेज़ों की नुमाइश की जाएगी. अब मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस संग्रहालय में शिवाजी महाराज से जुड़ी वस्तुओं का प्रदर्शन भी किया जाएगा.
योगी सरकार ने इस म्यूज़ियम के ज़रिए छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को पूरी दुनिया में फैलाने का फ़ैसला किया है.
इस म्यूज़ियम को राज्य सरकार का पर्यटन विभाग बना रहा है. इसे बनाने के प्रोजेक्ट का एलान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के शासन काल में वर्ष 2016 में हुआ था.
इस प्रोजेक्ट का काम लॉकडाउन से पहले लगभग ख़ात्मे पर ही था. मगर, पहले लॉकडाउन और फिर फंड की कमी के चलते म्यूज़ियम का काम अधूरा था.
सोमवार को आगरा डिवीज़न के विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान, योगी आदित्यनाथ ने इस प्रोजेक्ट का नाम बदलने और इसे जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश अधिकारियों को दिया.
'How can Mughals be our heroes' asks Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath, decides to name upcoming 'Mughal Museum' in Agra after Chhatrapati Shivaji Maharaj
— Press Trust of India (@PTI_News) September 14, 2020
समीक्षा बैठक में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आगरा शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का अभियान तेज़ गति से चल रहा है. उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने बिजली, पानी, सड़, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग के विकास के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर लगातार ज़ोर दिया है.
योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के लगभग साढ़े तीन वर्षों के दौरान कई जगहों के नाम बदले हैं. इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया. तो फ़ैज़ाबाद ज़िले का नाम बदलकर अयोध्या किया गया.
जिस म्यूज़ियम का नाम बदलने का फ़ैसला योगी आदित्यनाथ ने किया था, उसे मुग़ल काल की संस्कृति, कला, पेंटिंग्स, खान-पान, पहनावे और हथियारों के प्रदर्शन के लिए बनाया जा रहा था.
जबकि, छत्रपति शिवाजी महाराज अपनी पूरी ज़िंदगी मुग़लों के ख़िलाफ़ लड़ते रहे थे. उन्हें अपनी सैन्य विजयों के लिए जाना जाता है. वर्ष 1666 में मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने शिवाजी को ख़त लिख कर बातचीत के लिए आगरा के शाही दरबार में आमंत्रित किया था.
लेकिन, जब शिवाजी, आगरा में औरंगज़ेब के दरबार में हाज़िर हुए, तो मुग़लों ने उन्हें और उनके बेटे संभाजी को क़ैद कर लिया था. कई महीनों तक मुग़लों की क़ैद में रहने के बाद शिवाजी 22 जुलाई 1666 को मुग़लों की क़ैद से निकल भागे थे.
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