मशहूर शायर मुन्नवर राणा के खिलाफ लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज दिया गया है. फ्रांस में हुई आतंकी घटना को समर्थन देने को लेकर मुन्नवर राणा के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. ये मुकदमा हजरतगंज कोतवाली में तैनात दरोगा दीपक कुमार पांडेय की तरफ से दर्ज कराया गया है.
फ्रांस में हुई आतंकी घटना पर मुनव्वर राणा ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि पैगंबर मोहम्मद साहब का कार्टून बनाने की गुस्ताखी करने वाले उस शख्स का क़त्ल होना गलत नहीं है. कार्टून बनाकर उस युवा को मजबूर किया गया जिसके बाद उसने इस वारदात को अंजाम दिया. मुनव्वर राणा ने कहा था हत्यारे की जगह अगर मैं होता तो मैं भी क़त्ल कर बैठता. उन्होंने कहा था कि मजहब मां की तरह है, अगर कोई शख्स आपकी मां का कार्टून बनाता है तो उसका क़त्ल करना गुनाह नहीं है.
मुनव्वर राणा के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-A, 295-A, 298, 505(1)(B), 505(2) के साथ साथ सूचना प्रौद्यौगिकी अधिनियम 2008 की धारा 67, 66 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. यह मुकदमा शांति भंग करने एवं समाज में वैमनस्य फैलाने साथ साथ आईटी एक्ट के तहत दर्ज की गई है.
फ्रांस में हुई आतंकी घटना को समर्थन देने को लेकर मुनव्वर राणा के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है. ये मुकदमा दरोगा दीपक कुमार पांडेय की तरफ से दर्ज कराया गया है. #MunawwarRana #France #franceattack #LucknowNews @UPGovt @myogiadityanath pic.twitter.com/YhjnWoSqNZ
— The Last Breaking (@thelastbreaking) November 2, 2020
असल में इस पूरे क़िस्से की शुरुआत पिछले शुक्रवार यानी 16 अक्टूबर को हुई थी जब फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक स्कूल टीचर सैमुअल पैटी का सिर क़लम करके उनकी हत्या कर दी गई. पैटी की हत्या चेचेन मूल के 18 बरस के युवक अब्दुल्लाख़ एंज़ोरोव नाम के युवक ने की थी.
सैमुअल पैटी एक मिडिल स्कूल टीचर थे. उन्होंने स्कूल में अभिव्यक्ति की आज़ादी की अपनी कक्षा में मुसलमानों के पैग़म्बर मुहम्मद का एक कार्टून दिखाया था. ये कार्टून, फ्रांस की पत्रिका शार्ली हेब्दो ने साल 2015 में छापा था.
उस साल भी फ्रांस में शार्ली हेब्दो के कार्टून छापने के बाद, पत्रिका के दफ़्तर पर आतंकवादी हमला हुआ था. जिसमें कई लोग मारे गए थे. इस हमले के मुक़दमे पर फ़्रांस की अदालत का फ़ैसला आने वाला है. इसी दौरान सैमुअल पैटी ने अपने छात्रों को अभिव्यक्ति की आज़ादी का मतलब समझाने के लिए शार्ली हेब्दो पत्रिका में प्रकाशित हुए पैग़म्बर मुहम्मद के कार्टून को छात्रों को दिखाया.
सैमुअल पैटी के हत्यारे अब्दुल्ला एंज़ोरोव का मानना था कि पैटी ने पैग़म्बर मुहम्मद का कार्टून दिखाकर मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है. उनके पैग़म्बर का अपमान किया है. इसीलिए उसने पैटी का सिर काट कर उन्हें मार डाला. हत्यारे एंज़ोरोव को पेरिस की पुलिस ने कुछ ही मिनटों के भीतर गोली मार दी थी.
सैमुअल पैटी की हत्या के बाद पूरे फ्रांस में विरोध प्रदर्शन हुए थे. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों ने इसे एक इस्लामिक आतंकवादी हमला बताया था. और उन्होंने कहा था कि वो किसी एक धर्म की भावनाएं आहत होने के नाम पर अभिव्यक्ति की आज़ादी को सीमित नहीं कर सकते. फ्रांस में नागरिकों के अधिकारों के लिए लड़ाई और क़ुर्बानी का लंबा इतिहास रहा है.वैसे सैमुअल पैटी की हत्या से पहले ही मैक्रों फ्रांस में बढ़ते इस्लामिक कट्टरपंथ को रोकने के लिए क़ानून बनाने की बात कर रहे थे. अब पैटी की हत्या के बाद उन्होंने इस्लामिक आतंकवाद और चरमपंथी विचारधारा के ख़िलाफ़ और सख़्त रवैया अपना लिया है.
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