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धारा 370 दोबारा बहाल होने तक तिरंगा नहीं फहराएंगे: महबूबा मुफ़्ती

Suresh Kumar

श्रीनगर 23 Oct, 2020 09:35 pm

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा है कि जब तक कश्मीर का स्पेशल स्टेटस दोबारा बहाल नहीं होता, वो भारत का राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराएंगी. श्रीनगर में महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जो किया, वो जम्मू-कश्मीर की लूट थी. धारा 370 और 35A को अवैध तरीक़े से हटाया गया. और वो इसे मंज़ूर नहीं करतीं. इसी महीने रिहाई के बाद पहली बार पत्रकारों से रूबरू महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय हुआ था, तब उसे अपना अलग झंडा रखने की भी इजाज़त मिली थी. और जब तक कश्मीर का वो अधिकार दोबारा बहाल नहीं होता, तब तक वो तिरंगा अपने हाथ में नहीं लेंगी. मुफ़्ती ने कहा कि बीजेपी, संविधान की जगह देश में अपना घोषणापत्र लागू करना चाहती है.

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए, मुफ़्ती ने कहा कि, 'देश के हालात बिगड़ गए हैं. एक तरफ़ पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के एक बड़े हिस्से पर क़ब्ज़ा कर रखा है. तो दूसरी तरफ़ चीन एक बड़े इलाक़े पर क़ाबिज़ है. और, अब उसने लद्दाख में भारत की एक हज़ार वर्ग किलोमीटर और छीन ली है. मोदी सरकार न तो दूसरे देशों से रक्षा कर सकी है और न ही वो देश की अर्थव्यवस्था को संभाल पायी है. आज देश की इकॉनमी का बुरा हाल है. हम बांग्लादेश से भी पीछे चले गए हैं. बीजेपी के राज में दलितों और मुसलमानों ही नहीं, समाज के हर क़मज़ोर तबक़े को निशाना बनाया जा रहा है.' 

महबूबा मुफ़्ती को क़रीब 14 महीने की नज़रबंदी के बाद हाल ही में रिहा किया गया था. उसके बाद, महबूबा मुफ़्ती और अब्दुल्ला फैमिली समेत, कश्मीर की मुख्यधारा की सभी पार्टियों ने मिलकर धारा 370 दोबारा बहाल करने के लिए आंदोलन छेड़ने का एलान किया है. महबूबा मुफ़्ती ने इस संघर्ष के दौरान फ़ारुक़ अब्दुल्ला के सहयोग के लिए उनका शुक्रिया अदा किया. 

महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि कश्मीर एक मसला है. और इससे कोई आंख नहीं मूंद सकता. सरकार ने कश्मीर की जनता से उसका जो हक़ छीना है, वो उसे वापस करना ही होगा.

महबूबा मुफ़्ती के बयान पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. केंद्रीय मंत्री और जम्मू के नेता डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि, 'महबूबा मुफ़्ती ख़ुद को मुख्यधारा की नेता करती हैं, लेकिन वो तिरंगे से परहेज़ करती हैं. हम लंबे समय से कहते आ रहे हैं कि कश्मीर के कुछ नेता अलगाववादियों से भी ख़तरनाक हैं. वो सत्ता में आने पर भारत माता की जय कहते हैं. और जैसे ही सत्ता से बाहर होते हैं, वो पाकिस्तान की क़समें खाने लगते हैं और जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय पर सवाल उठाने लगते हैं.'

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