भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं का युद्धाभ्यास मलाबार #Malabar2020 शुरू हो गया है. ये मलाबार एक्सरसाइज़ का पहला चरण है. जो बंगाल की खाड़ी में विशाखापत्तनम के क़रीब हो रहा है. ये मलाबार एक्सरसाइज़ का 24वां अध्याय है. लेकिन, पहली बार है जब इसमें औपचारिक रूप से रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी भी शामिल हुई है.
Phase 1 of 24th edition of Naval Exercise #Malabar_20 to commence off #Visakhapatnam #BayofBengal from 03 to 06 Nov 20.@indiannavy, @USNavy, @JMSDF_PAO & @Australian_Navy
— SpokespersonNavy (@indiannavy) November 2, 2020
participating.#BridgesofFriendship#Maritime #Exercise#Interoperabilityhttps://t.co/lFCrdBWfh9
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भारतीय नौसेना के जहाज़ रणविजय शिवालिक, शक्ति और सुकन्या इसमें भाग ले रहे हैं. इसके अलावा नौसेना की सिंधुराज पनडुब्बी भी इस युद्धाभ्यास में शामिल है. वहीं, अमेरिका की नौसेना ने इस नेवल एक्सरसाइज़ के लिए अपने डेस्ट्रॉयल USS जॉन मैक्केन को भेजा है. तो ऑस्ट्रेलिया का HMAS बलारट और जापान का जेएस ओनामी जहाज़ भी इस एक्सरसाइज़ में शामिल हो रहे हैं.
Phase 1 of 24th edition of Naval Exercise #Malabar_20 to commence off #Visakhapatnam #BayofBengal from 03 to 06 Nov 20.@indiannavy, @USNavy, @JMSDF_PAO & @Australian_Navy
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इस युद्धाभ्यास का मक़सद हिंद प्रशांत क्षेत्र में मुक्त व्यापार एवं क्षेत्रीय स्थिरता को सुनिश्चित करना है. चारों देशों के विदेश मंत्री पिछले महीने जापान की राजधानी टोक्यो में मिले थे. जिसमें हिंद प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा के लिए क्वाड एलायंस (QUAD Alliance) को औपचारिक जामा पहनाया गया था.
इस नेवल एक्सरसाइज़ में ऑस्ट्रेलिया की रॉयल नेवी पहली बार शामिल हो रही है. इसके लिए तब सहमति बनी थी, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन के बीच वर्चुअल समिट हुई थी.
मलाबार एक्सरसाइज़ की शुरुआत भारत और अमेरिका की नेवल फोर्सेज़ के बीच हुई थी. जिसमें बाद में जापान को भी शरीक कर लिया गया था. इस बार ऑस्ट्रेलिया को भी इस एक्सरसाइज़ में शामिल करके, हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते रोल को चुनौती देने का संकेत साफ़ तौर से दिया गया है.
हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की नौसैनिक पहुंच लगातार बढ़ रही है. चीन ने श्रीलंका के हम्बनटोटा बंदरगाह को पट्टे पर लिया है. इसके अलावा उसने म्यांमार में भी सैनिक अड्डा बनाया है और पश्चिमी अफ्रीका के तट पर जिबूती में अपना सैन्य अड्डा स्थापित किया है.
मलाबार एक्सरसाइज़ का मक़सद, चारों देशों की नौसेनाओं के बीच युद्ध और शांति काल में आपसी तालमेल बढ़ाना है. जिससे वो आने वाले समय में किसी भी चुनौती का मिल-जुलकर सामना कर सकें.
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