Navratri 2020: हिन्दू धर्म में सभी पर्व-त्योहार विशेष तिथि पर ही मनाए जाते हैं. इन तिथियों की गणना बेहद वैज्ञानिक और पृथ्वी तथा चंद्रमा की गतियों पर आधारित है. हिन्दू पंचांग इसी आधार पर पर्व-त्योहार की तिथि निश्चित करता है. आमतौर पर हर साल पितृ पक्ष की समाप्ति के बाद से ही हिन्दू धर्म में सभी बड़े त्योहारों का सिलसिला शुरू हो जाता है. पितृ अमावस्या के अगले दिन प्रतिपदा के साथ घट स्थापना होती है और मां दुर्गा का आवाह्न कर पूरे नौ दिनों तक मां की उपासना की जाता है. शक्ति के नौ अलग-अलग रूपों की उपासना के इस महापर्व को नवरात्र कहते हैं. लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. यानी पितृ पक्ष की समाप्ति के बाद नवरात्र प्रारंभ नहीं होंगे. दरअसल, इस बार पितृ अमावस्या के अगले दिन से अधिकमास (Adhikmas) लग जाएगा. इस तरह अधिकमास लगने से नवरात्र और पितृपक्ष के बीच एक महीने का अंतर आ जाएगा. ज्योतिषीय गणना के अनुसार ऐसा संयोग पूरे 165 साल बाद आया है, जब श्राद्ध समाप्त होते ही नवरात्र (Navratra) प्रारंभ नहीं होंगे और अधिकमास शुरू हो जाएगा.
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