नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन की जाती है. कन्या पूजन को कंजक भी कहा जाता है. नवरात्रि में छोटी बच्चियों को देवी का स्वरूप मानते हुए उनकी पूजा की जाती है. नवरात्रि का व्रत रखने वाला हर भक्त अष्टमी या नवमी के दिन कन्या का पूजन जरूर करता है.
कन्या पूजन अगर पूरे विधि-विधान से किया जाए तो मां दुर्गा का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है. कई बार पूजा जानकारी न होने की वजह से लोग अनजाने में कुछ गलतियां भी कर देते हैं. आइए जानते हैं क्या कन्या पूजन की सही विधि.
कन्या पूजन की विधि
अष्टमी के दिन कन्या पूजन के लिए प्रात:काल स्नान-ध्यान कर भगवान गणेश और मां महागौरी की पूजा करें.
देवी स्वरुप नौ कन्याओं को घर में प्यार-सत्कार से आमंत्रित करें और उन्हें आसन पर बिठाएं.
सबसे पहले शुद्ध जल से कन्याओं के पैर धोएं. ऐसा करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है.
पैर धोने के बाद कन्याओं को तिलक लगाकर पंक्तिबद्ध बैठाएं.
कन्याओं के हाथ में कलावा बांधें और उनके चरणों में पुष्प चढ़ाए.
अब नई थाली में कन्याओं को पूड़ी, हलवा, चना आदि श्रद्धा पूर्वक परोसें.
भोजन में कन्याओं को मिष्ठान और प्रसाद देकर अपनी क्षमता के अनुसार रुपये, वस्त्र आदि का दान करें.
कन्याओं के भोजन के बाद उन्हें देवी का स्वरूप मानते हुए उनकी आरती करें और उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें.
अंत में इन सभी कन्याओं को सादर दरवाजे तक और संभव हो तो उनके घर तक जाकर विदा करना न भूलें.
Leave Your Comment