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दिल्ली-NCR में NGT ने 9 नवंबर आधी रात से पटाखों पर लगाया बैन

Fauzia

नई द‍िल्‍ली 09 Nov, 2020 06:59 pm

दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. ये प्रतिबंध 9 नवंबर मध्य रात्रि से लेकर 30 नवंबर तक जारी रहेगा. एनजीटी ने कहा है कि यह आदेश देश के उन सभी कस्बों और शहरों में भी लागू होगा जहां, पिछले साल नवंबर में हवा की क्वालिटी का लेवल बहुत खराब या इससे ऊपर की कैटेगरी तक चला गया था. बढ़ते प्रदूषण और कोरोना को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. 

एनजीटी ने कहा है कि पटाखे खुशियां मनाने के लिए जलाए जाते हैं, मौत और बीमारियों के लिए नहीं. एनजीटी ने कहा है कि चंद लोगों की खुशी के लिए दूसरों की ज़िंदगी दांव पर लगाना भारतीय संस्कृति नहीं है.

दिल्ली और एनसीआर में दिवाली के दिन भी पटाखे जलाने की इजाज़त नहीं दी गई है, लेकिन जिन शहरों में एम्बिएंट एयर क्वालिटी मॉडरेट है, वहां सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बेचे और जलाए जा सकते हैं. लेकिन इन शहरों में भी पटाखे सिर्फ 2 घंटे तक ही जलाए जा सकेंगे. हरियाणा सरकार पहले ही पूरे राज्य में दिवाली के दिन 2 घंटे पटाखे जलाने की इजाज़त दे चुकी है. 

जिन शहरों में नवंबर 2019 में हवा की क्वालिटी मॉडरेट यानी एक्यूआई 51-100 के बीच था, ऐसे इलाकों में ग्रीन पटाखे जलाए जा सकते हैं. पटाखे जलाने की समय सीमा राज्य सरकारें खुद तय करेंगी. अगर राज्य ने कोई समय सीमा तय नहीं की है तो दिवाली के दिन रात 8 से 10 बजे तक और छठ पर सुबह 6 बजे से 8 बजे तक पटाखे जलाए जा सकते हैं. 

पिछले कई वर्षों से दिवाली पर पटाखे जलाने को लेकर बहस जारी है. पटाखे जलाने या नहीं जलाने का मामला कोर्ट तक जा चुका है. दलील दी जाती है कि हर साल दिवाली पर पटाखे जलाने की वजह से हवा की गुणवत्ता खराब होती है और इस का खामियाज़ा सबसे ज़्यादा बुज़ुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को भुगतना पड़ता है. इस साल पटाखों पर बैन की मांग सबसे पहले ओड़िशा और राजस्थान ने उठाई थी. इसके बाद राजधानी दिल्ली में भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही जाने लगी. राजधानी दिल्ली गैस चैम्बर में तब्दील होती जा रही है. प्रदूषण बढ़ रहा है. बढ़ते प्रदूषण के चलते कोरोना के मरीज़ों की संख्या में भी तेजी से उछाल देखा जा रहा है. इन्हीं कारणों से दिल्ली सरकार ने 7 तारीख को ही दिल्ली में 30 नवंबर तक पटाखों पर बैन का ऐलान कर दिया था. 

कोरोना महामारी और प्रदूषण को देखते हुए कई अन्य राज्य भी पटाखों पर बैन की बात करने लगे, जिससे एनजीटी ने मामले का दायरा बढ़ा दिया और इसमें देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्य भी शामिल कर लिए गए.

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